Hartalika Teej 2022: क्या आपको पता है हरियाली-कजरी और हरतालिका तीज में अंतर? यहां जानें पर्व से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं

Hartalika Teej 2022: हिंदू धर्म में तीज व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा रखा जाता है. आइए जानते हैं हरियाली-कजरी और हरतालिका तीज में अंतर.

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Hartalika Teej 2022: इस साल हरितालिका तीज का व्रत 31 अगस्त को रखा जाएगा.

Hartalika Teej 2022: हिंदू धर्म में हर पर्व-त्योहार का अपना खास महत्व है. लगभग पूरे साल पर्व-त्योहारों की धूम रहती है. विशेष रूप से उत्तर भारत में हर महीने कई ना कोई व्रत और त्योहार पड़ते ही हैं, इनमें से कुछ ऐसे व्रत-त्योहार ऐसे होते हैं, जो सिर्फ महिलाओं के लिए खास होते हैं. महालाओं को प्रिय व्रत-त्योहारों में से एक तीज (Teej 2022) है. तीज साल में 3 बार पड़ते हैं. हरियाली तीज, कजरी तीज और हरितालिका तीज (Hartalika Teej 2022). ये तीनों ही व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा रखा जाता है. महिलाएं इन व्रतों को अपने पति की दीर्घायु के लिए रखती है. आइए जानते हैं इन तीनों तीज व्रत के बारे में.

साल में पड़ते हैं 3 तीज के व्रत


-हरियाली
-कजरी
-हरतालिका तीज  

अधिकांश लोग हरितालिका तीज और हरियाली तीज को एक ही समझते हैं. लेकिन वास्विकता इससे अलग है. आइए जानते हैं कि इन तीनों तीज व्रत में क्या अंतर है.

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हरितालिका तीज | Hartalika Teej 2022

हरितालिका तीज हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ती है. इस साल हरितालिका तीज का व्रत 31 अगस्त को रखा जाएगा. इस व्रत को विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के लिए रखती हैं. वहीं अविवाहित कन्या सुयोग्य वर प्राप्ति की कामना से हरितालिका तीज व्रत रखती हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए इस व्रत को रखा था. हरतालिका तीज व्रत के दौरान महिलाएं पूरे दिन निर्जला रहती हैं और व्रत का पालन करते हुए पूजा-पाठ करती हैं. व्रत के अगले दिन जल ग्रहण करती हैं. इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है. 

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कजरी तीज | Kajari Teej 

कजरी तीज भी भाद्रपद मास में ही पड़ता है. हर साल भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर कजरी तीज का व्रत रखा जाता है. कजरी तीज का व्रत भी सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. कजरी तीज को सातुड़ी तीज और भादो तीज के नाम से भी जाना जाता है. कजरी तीज मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाता है. इस तीज में सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं.

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हरियाली तीज | Hariyali Teej 

हरियाली तीज सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है. इस तीज को श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस तीज के दौरान भी महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं. इस व्रत के अवसर पर महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं. साथ ही हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनती हैं. हरियाली तीज में भी भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज की तिथि पर ही भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. हरियाली तीज पर महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखते हुए भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा करती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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