Sun Transit In Sagittarius 2025: ज्योतिष के अनुसार नवग्रहों के राजा सूर्य जब गुरु की अग्नितत्त्व प्रधान राशि धनु में आते हैं, तब व्यक्ति के जीवन में धर्म, नीति, राजनीति, सम्मान और निर्णय-क्षमता सक्रिय होने लगती है. दिसंबर महीने की 16 तारीख को जब सूर्य धनु में प्रवेश करेंगे तो न सिर्फ आम लोगों पर बल्कि इसका प्रभाव देश-दुनिया पर भी देखने को मिलेगा. ज्योतिष के अनुसार यह काल उच्च ऊर्जा का काल है, लेकिन इस ऊर्जा का यदि सही दिशा में उपयोग न किया जाए तो तनाव और अहंकार में वृद्धि देखने को मिलती है. सूर्य के इस गोचर का प्रभाव मेष से लेकर मीन तक सभी 12 राशियों पर कैसा पड़ेगा, आइए इसे जानी-मानी ज्योतिषाचार्य डॉ. नीति एस. शर्मा से विस्तार से जानते हैं.
मेष (Aries)
मेष के लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी होकर नवम भाव में प्रभाव देता है. यह समय उच्च शिक्षा, विदेश यात्रा, दर्शन और ज्ञान से संबंधित गतिविधियों को बढ़ाता है, लेकिन व्यक्तिगत संबंधों में आत्मसम्मान टकरा सकता है. नौकरी में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाद बढ़ेगा, परंतु उनसे उम्मीदें भी बढ़ेंगी. व्यापार में नए संबंध बनेंगे, लेकिन आपको किसी पर आंख मूंदकर भरोसा करने से बचना चाहिए. स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको पेट और सिर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं.
उपाय: सूर्य को प्रतिदिन अर्घ्य दें तथा अपने पिता का सम्मान करते हुए उनके प्रतिदिन चरणस्पर्श करें.
वृषभ (Taurus)
वृषभ जातकों के लिए सूर्य चतुर्थ भाव के स्वामी हैं और अष्टम भाव में जाकर अचानक घटनाओं को सक्रिय करते हैं. ऐसे में वृषभ राशि के जातक धन, निवेश, संपत्ति और परिवार से जुड़े निर्णय सोच-समझकर करें. नौकरी में अप्रत्याशित परिवर्तन संभव है. व्यापार में उतार-चढ़ाव आएंगे. स्वास्थ्य के लिए यह समय थोड़ा चुनौतीपूर्ण है, विशेषकर हार्मोनल और पाचन तंत्र पर इस राशि के जातकों को विशेष ध्यान देना होगा.
उपाय: नींबू और तिल का दान तथा सूर्य मंत्र का जप उत्तम है.
सूर्य तृतीय भाव के स्वामी होकर सप्तम भाव में प्रवेश करते हैं. यह समय वैवाहिक जीवन में आपकी ईमानदारी और कर्तव्यों को लेकर परीक्षा लेता है. अपनी वाणी में मधुरता बनाए रखें. क्रोध और अभिमान से बचना आवश्यक है. व्यापारिक साझेदार से बहस संभव है, परंतु यदि धैर्य रखा जाए तो परिणाम लाभकारी होंगे. नौकरी में पद और मान-सम्मान बढ़ सकता है. स्वास्थ्य सामान्य रहेगा.
उपाय: प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जप करें और तुलसी पर दीपदान करने से शुभता बढ़ेगी.
कर्क (Cancer)
सूर्य द्वितीय भाव के स्वामी होकर षष्ठ भाव में गोचर करते हैं और शत्रुओं, प्रतियोगिता तथा स्वास्थ्य में सक्रियता लाते हैं. यह दौरान कर्क राशि के जातकों को अथक परिश्रम करना होगा. जिसका आपको सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिलेगा. नौकरी में आपका पराक्रम बढ़ेगा और आप विरोधियों पर विजय पाएंगे. धन का लाभ होगा परंतु व्यय भी बढ़ेंगे. संतान को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिल सकती है.
उपाय: प्रतिदिन सूर्य देवता को लाल पुष्प के साथ जल देने से जीवन में शुभता बढ़ेगी.
सिंह (Leo)
सिंह जातकों के लिए यह समय अत्यंत शुभफलदायी कहा जाएगा क्योंकि सूर्य स्वयं के पंचम भाव में आकर बुद्धि, रचनात्मकता, संतान, भाग्य और नेतृत्व क्षमता को अत्यधिक बढ़ाते हैं. ऐसे में सिंह राशि के जातकों का नौकरी में सम्मान बढ़ेगा. कारोबार का विस्तार होगा. प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी. संतान के लिए यह समय स्वर्णिम कहा जाएगा. स्वास्थ्य उत्कृष्ट रहेगा.
उपाय: प्रतिदिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.
कन्या (virgo)
सूर्य द्वादश भाव में होने से कन्या राशि के जातकों का मानसिक तनाव और पारिवारिक टकराव बढ़ सकता है. इस दौरान आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है. माता की सेहत को लेकर चिंता बढ़ सकती है. घर-परिवार में किसी बात को लेकर मतभेद हो सकता है. स्थान परिवर्तन का योग बन सकता है. नौकरी में विदेश से संबंधित कार्य प्रबल रहेंगे.
उपाय: प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ एवं रविवार का व्रत रखें.
तुला (Libra)
सूर्य एकादशेश होकर तृतीय भाव में स्थित हों तो पराक्रम, साहस और राजसिक ऊर्जा को बढ़ाते हैं. ऐसे में तुला राशि के जातकों के लिए यह समय यात्रा, भाई-बहनों की सहायता, आय में वृद्धि और सामाजिक प्रतिष्ठा के विस्तार का काल है. नौकरी में आपकी बात सुनी जाएगी. आपका कार्यक्षेत्र में प्रभाव बढ़ेगा. व्यापार में नए अवसर आएंगे. स्वास्थ्य अच्छा रहेगा.
उपाय: गुड़-चना का दान करने से सुख-समृद्धि बढ़ेगी.
वृश्चिक (Scorpio)
सूर्य दशम भाव के स्वामी होकर द्वितीय भाव में आने से धन, वाणी और व्यवसाय पर विशेष प्रभाव डालते हैं. व्यापार में लाभ मिलेगा परंतु परिवार में कुछ तनाव रह सकता है. इस दौरान आपकी नौकरी में परिवर्तन के संकेत हैं, लेकिन वह आपके लिए लाभकारी साबित होगा. धन हानि से बचने के लिए खर्चों पर नियंत्रण रखें.
उपाय: तिल का दान और सूर्य मंत्र का जप शुभ फल प्रदान करेगा.
धनु (Sagittarius)
धनु राशि के लिए सूर्य प्रथम भाव में आकर आपके आत्मविश्वास, ऊर्जा और नेतृत्व में वृद्धि करने का काम करेगा, लेकिन ध्यान रहे कि यह वृद्धि कभी-कभी उत्तेजना, चिड़चिड़ापन और अनियमितता को भी बढ़ाती है. स्वास्थ्य में रक्तचाप और सिरदर्द संभव है. नौकरी में सम्मान मिलेगा परंतु दबाव भी बढ़ेगा. व्यापार में नए विचार आएंगे.
उपाय: पीली वस्तुओं का दान तथा ध्यान अत्यंत लाभकारी है.
मकर (Capricorn)
मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य अष्टमेश होकर द्वादश भाव में विचरण करते हैं. यह समय खर्चों, विदेश कार्यों, आध्यात्मिकता और मनोवैज्ञानिक परिवर्तन का है. इस दौरान मकर राशि के जातकों का स्वास्थ्य पर थोड़ा प्रभावित हो सकता है. इस दौरान मकर राशि के लोगों को शारीरिक थकान बनी रहेगी और नेत्र से संबंधी दिक्ककतें हो सकती हैं. नौकरीपेशा लोगों के प्रभावी लोगों के साथ संपर्क बढ़ेंगे.
उपाय: प्रतिदिन पूजा में गायत्री मंत्र का जप करें तथा पीले अन्न का दान करने से शुभता बढ़ेगी.
कुंभ (Aquarius)
कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सप्तम भाव के स्वामी होकर एकादश भाव में आकर सुख-सौभाग्य को बढ़ाने का काम करते हैं. इस दौरान कुंभ राशि की आय तो बढ़ेगी ही आपके जीवन से जुड़े बड़े लक्ष्य भी पूरे होंगे. इस पूरे काल में नए मित्र मिलते हैं और सामाजिक क्षेत्र में नाम बढ़ता है. विवाह योग्य जातकों के लिए यह समय अत्यधिक शुभ कहा जाएगा.
उपाय: नारियल को बहते जल में प्रवाहित करने से जीवन की शुभता बढ़ेगी.
मीन राशि के लोगों के लिए सूर्य षष्ठ भाव के स्वामी होकर दशम भाव में प्रवेश करते हैं तो उनके करियर में अनुकूलता बढ़ती है. यह समय मीन राशि के जातकों के लिए पद-प्रतिष्ठा, प्रमोशन, नेतृत्व और लोकप्रियता का रहने वाला है. व्यापार में विस्तार, नौकरी में तरक्की और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी. सेहत सामान्य बनी रहेगी.
उपाय: प्रतिदिन भगवान सूर्य को घी-मिश्रित जल अर्पित करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)














