Ganesh Yantra Ki Puja Vidhi Aur Labh: सनातन परंपरा में किसी भी देवी-देवता की कृपा को पाने के लिए उनसे जुड़े यंत्र की पूजा को काफी कारगर उपाय माना गया है. यदि बात करें विघ्नहर्ता और सुखकर्ता भगवान श्री गणेश जी की तो उनकी पूजा से जुड़ा गणेश यंत्र अत्यंत ही शुभ और सुख-सौभाग्य को बढ़ाने वाला माना जाता है. जीवन की हर बाधा को दूर करते हुए शुभ और लाभ दिलाने वाले गणेश यंत्र की पूजा किसे, कब और कैसे करनी चाहिए? गणेश यंत्र की पूजा के क्या लाभ हैं? इन सभी चीजों को आइए विस्तार से जानते हैं.
गणेश यंत्र की पूजा विधि
हिंदू मान्यता के अनुसार सभी प्रकार की सिद्धि और सुख-सौभाग्य प्रदान करने वाले श्री गणेश यंत्र को किसी भी मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि या बुधवार के दिन शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से पूजा करके ईशान कोण में स्थापित करना चाहिए. इसके बाद प्रतिदिन प्रात:काल स्नान ध्यान के बाद तन-मन से पवित्र होकर बगैर कुछ खाए पिये श्री गणेश यंत्र की धूप, दीप, पुष्प, दूर्वा, मोदक अथवा मोतीचूर का लड्डू आदि अर्पित करने के बाद गणपति के मंत्र 'ॐ गं गणपतयै नमः' का जप अथवा गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना चाहिए.
गणेश यंत्र की पूजा के लाभ
- हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान श्री गणेश जी का यंत्र सभी कार्यों को सिद्ध करके मनचाही सफलता दिलाने वाला होता है.
- जिस घर में गणेश यंत्र की प्रतिदिन विधि-विधान से पूजा होती है, उस घर में हमेशा शुभ और लाभ बने रहते हैं और व्यक्ति के यश, कीर्ति और वैभव में वृद्धि होती है.
- गणेश यंत्र की पूजा जीवन से जुड़ी सभी बाधाओं को दूर करती है.
- प्रतिदिन गणेश यंत्र के सामने शुद्ध घी का दीया जलाकर गणपति के मंत्रों का जप या फिर उनके स्तोत्र का पाठ करने पर साधक के सभी मनोरथ शीघ्र ही पूर्ण होते हैं.
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- हिंदू मान्यता के अनुसार परीक्षा-प्रतियोगिता की तैयारी में जुटे छात्रों के लिए गणेश यंत्र विशेष फलदायी माना गया है. गणेश यंत्र के शुभ प्रभाव से साधक पूरे मनोयोग से तैयारी करता हुआ अंतत: मनचाही सफलता प्राप्त करता है.
- हिंदू मान्यता के अनुसार जिस घर में गणेश यंत्र स्थापित होता है, वहां हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और इसके शुभ प्रभाव से व्यक्ति तन और मन से स्वस्थ रहते हुए सही दिशा में कार्य करता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)














