Sawan Amavasya 2022: सावन अमावस्‍या पर श्रद्धालुओं ने चक्र कुंड और गोमती में लगाई आस्था की डुबकी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्‍व

Sawan Amavasya 2022: सावन मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना गया है.

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Sawan Amavasya 2022: सावन मास की हरियाली अमावस्या आज है.

Sawan Amavasya 2022: सावन मास की अमावस्या 28 जुलाीई, 2022 को यानी आज है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करना शुभ माना गया है. इसके साथ ही इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण करने की भी परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण करने से वे प्रसन्न होते हैं. सावन मास की अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालु नौमिषारण्य पहुंचकर वहां चक्र कुंड और गंगा-गोमती नदी में आस्था की डुबकी लगाए. पवित्र दी और कुंड में स्नान करने के बाद श्रद्धालु शक्तिपीठ ललिता देवी मंदिर, हनुमान गढ़ी, व्यास गद्दी, चक्र तीर्थ इत्यादि तीर्थ स्थलों के दर्शन कर रहे हैं. सावन मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जानते हैं. 

सावन अमावस्या पर नदी में स्नान करने का है खास महत्व

सावन अमावस्या पर नदी, कुंड इत्यादि में स्नान का खास महत्व है. साथ ही इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करना भी शुभ माना गया है. इसके अलावा जरुरतमंदों को भोजन कराना पुण्यदायी माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पीपल की भी पूजा का विधान है. इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहते हैं. इसलिए इस दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू, तुलसी का पौधा लगना शुभ होता है, क्योंकि इनमें देवताओं का वास माना गया है.

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सावन अमावस्या का महत्व | Significance of Sawan Amavasya

शास्त्रों और पुराणों में सावन अमावस्या का खास महत्व है. इस दिन वृक्षों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के कारण ही अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में जाना जाता है. जबकि धार्मिक दृष्टिकोण से इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करने का विधान है. मान्यता है कि इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण करने से पितर देव प्रसन्न होते हैं. 

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सावन अमावस्या शुभ मुहूर्त | Sawan Amavasya Shubh Muhurat

पंचांग के अनुसार, सावनअमावस्या का मुहूर्त 27 जुलाई की रात 09 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर 28 जुलाई को रात 11 बजकर 26 मिनट तक रहने वाला है. पंचांग के मुताबिक 28 जुलाई को उदया तिथि है. इस तिथि में अमावस्या मनाई जाती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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