Ghar Men Shivling : शिव भक्तों को घर पर शिव आराधना करने से पहले कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. शिवभक्त अक्सर अपने घर के मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करते हैं. शिवलिंग के रूप में उन्हें पूरी आस्था के साथ पूजते हैं, लेकिन ऐसा करते हुए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है. साथ ही कुछ बातों को जानना और समझना भी जरूरी होता है. शिवलिंग से जुड़ी ऐसी कई मान्यताएं हैं, जिनके लिए माना जाता है कि वो पूरी नहीं हुईं तो मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है. इसलिए अपने पूजा घर में शिवलिंग रखते समय कुछ जरूरी बातें जान लें, ताकि आप भी कोई भूल करने से बच सकें.
रोज करें पूजन
पूजा घर में भगवान की मूर्त रखने के साथ ही प्राण प्रतिष्ठा की जाती है, लेकिन मान्यता है कि शिवलिंग के साथ ऐसा नहीं करते. माना जाता है कि घर पर हमेशा बिना प्राण प्रतिष्ठा किए ही शिवलिंग स्थापित करें. उनकी पूरी विधि विधान से पूजा भी करें. अगर ऐसा न कर सकें तो पूजा घर में शिवलिंग न रखना ही बेहतर है.
ऐसा हो शिवलिंग
- नर्मदा नदी में बहने वाले पत्थर अक्सर शिवलिंग का आकार ले लेते हैं. मान्यता है कि इन पत्थरों की पूजा घर में स्थापना शुभ फल देने वाला होता है.
- अगर किसी धातु का बना शिवलिंग रखें तो उसी धातु का नाग भी उनके साथ हो ये जरूर ध्यान रखें. माना जाता है कि अगर आपने सोने, चांदी या तांबे का शिवलिंग रखा है तो उन पर लिपटा हुआ नाग भी इसी धातु का होना चाहिए.
- मान्यता है कि ज्यादा बड़ा शिवलिंग भी पूजा घर में नहीं रखा जाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि घर में रखा शिवलिंग आपके अंगूठे से भी छोटा होना चाहिए. अगर बड़े शिवलिंग का पूजन करना है तो उसे मंदिर में रखा जाना चाहिए.
शिवलिंग की ऊर्जा
- वास्तुशास्त्र के अनुसार माना जाता है कि शिवलिंग में लगातार ऊर्जा का संचार होता है, इसलिए शिवलिंग को हमेशा खुले में रखना चाहिए. साथ ही ऐसे इंतजाम करने चाहिए कि पूरे समय शिवलिंग पर जलधारा गिरती रही.
- माना जाता है कि इसी वजह से शिवपुराण में भी घर पर एक से ज्यादा शिवलिंग न रखने के लिए कहा गया है.
याद से करें ये काम
- शिवलिंग को पूजा घर में रखें तो उनके परिवार का साथ भी जरूरी माना जाता है, इसलिए मंदिर में शिव परिवार की एक फोटो जरूर रखें.
- भगवान शिव का पूजन करते समय उन्हें केतकी के फूल, तुलसी, सिंदूर या हल्दी अर्पित न करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)