Lord Shiva Worship : सावन (Sawan) में शिव पूजन का विशेष विधान है. यूं तो शिव जी (Lord Shiva) को भोलेनाथ कहा जाता है. वे सहज ही भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं. एक लोटे जल और बेल की पत्तियां भी उन्हें प्रसन्न करने के लिए काफी होती हैं. लेकिन विशेष विधि विधान से शिव की पूजा (Shiv Pujan Vidhi) से उनकी असीम कृपा प्राप्त की जा सकती है. इंस्टाग्राम पर jashan 12348791 अकाउंट ने वीडियो पोस्ट कर शिव पूजन के बाद ताली बजाए जाने के विधान का महत्व बताया है. वीडियो में बताया गया है कि शिव की पूजा के बाद तीन बार ताली बजाना चाहिए. आइए जानते हैं शिव पूजन के बाद तीन बार ताली बजाने से क्या होता है….
शिव पूजन के बाद क्यों बजाते हैं ताली
भोलेनाथ की पूजा में बेलपत्र और भांग धतुरा का महत्व होता है. भक्त पूजा के बाद तीन बार ताली बजाते हैं. पहली ताली भगवान को अपनी उपस्थिति जताने के लिए बजाई जाती है. दूसरी ताली का भाव होता है हम भगवान से कुछ मांगे या न मांगे हमारे घर का भंडार हमेशा भरा रहे और तीसरी ताली से शिवजी से भक्त को अपने चरणों में जगह देने की प्रार्थना की जाती है.
प्रभु राम और लंकाराज रावण ने बजाई थी ताली
मान्यता है कि लंकाधिपति रावण ने भोलेनाथ की पूजा के बाद तीन बार ताली बजाई थी जिसके कारण उसे लंका का राजपाट प्राप्त हुआ था. भगवान राम को जब लंका जाने के लिए समुद्र पर सेतु निर्माण करना था तब उन्होंने शिव पूजन के बाद तीन बार ताली बजाई थी. उनका काम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ था. तो अगर आप भी भोलेनाथ के भक्त हैं और उनकी पूरी विधि विधान से पूजा करते हैं तो अपनी पूजा में इस विधि को शामिल कर लें. कहते हैं कि ऐसा करने से भगवान की असीम कृपा प्राप्त होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)