Sarvapitru Amavasya Shradh 2022: आश्विन मास की सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर, रविवार को है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार सर्वपितृ अमावस्या (Sarvapitru Amavasya) पर ग्रह, नक्षत्र, तिथि और वार से मिलकर चार शुभ संयोग (Sarvapitru Amavasya Shubh Yog) बन रहे हैं. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन शुभ संयोग में स्नान, दान और पतरों का श्राद्ध करने पर कई गुना अधिक शुभ फल प्राप्त होगा. साथ ही इस दिन पतरों का श्राद्ध करने से वे साल भर तक तृप्त रहेंगे. आइए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जानते हैं कि इस बार सर्वपितृ अमावस्या पर कौन-कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं और इस दिन किस तरह से श्राद्ध करना अच्छ रहेगा.
सर्वपितृ अमावस्या पर बन रहे हैं ये शुभ संयोग | Sarvapitru Amavasya Shubh Yog
ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के मुताबिक इस बार सर्विपतृ अमावस्या पर ग्रह-नक्षत्रों के संयोग से खास योग बन रहे हैं. दरअसल इस बार सर्वपितृ अमावस्या के दिन सर्वार्थसिद्धि योग, अमृत योग, मित्र योग और शुक्ल योग बन रहे हैं. इसके साथ ही सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग बन रहा है. वहीं बुध-शुक्र की युति से लक्ष्मीनारायण योग बन रहे हैं. ऐसे में इस दिन पितरों का श्राद्ध करने से वे तृप्त होंगे. इसके अलावा इस दिन पूजा-पाठ और स्नान-दान से कई गुणा अधिक पुण्य प्राप्त होगा.
Sarva Pitru Amavasya 2022: सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर को, जानें इस दिन कौन सकता है श्राद्ध
सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध कैसे करें | Sarvapitru Amavasya Shradh
सर्विपितृ अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लें. इसके बाद शुभ मुहूर्त में पितरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध, पूजा-पाठ और दान करें. पूजा स्थान पर गाय के घी का दीपक जलाएं. अपनी क्षमता के अनुसार दान का संकल्प लें. इसके बाद गाय को हरी घास और कुत्तों को रोटी खिलाएं. इसक दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना शुभ होता है. इसके साथ ही इस दिन मंदिरों में आटा, घी, वस्त्र और जरूरी समान दान करें.
अमावस्य पर धन और अनाज का दान होता है खास | Sarvapitru Amavasya Daan
सर्वपितृ अमावस्या के दिन दान-पुण्य करना खास होता है. ऐसे में इस दिन घर में पूजा के बाद जरुरतमंदों को धन और अनाज का दान करें. इसके साथ ही किसी गौशाला में घास या धन का दान कर सकते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन दान करने से कई गुना अधिक पुण्य प्राप्त होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)