आज सकट चौथ पर इतने बजे होगा चंद्रोदय, इस मंत्र के साथ करें पूजन, प्रसन्‍न होंगे गणेश

Sakat Chauth Vrat : इस खास दिन को माघ (Magh Month) के महीने में मनाया जाता है. इस माह का कृष्ण पक्ष आने के बाद जो चतुर्थी तिथि आती है. उसी दिन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. शाम में इतने निकलेगा आपके शहर में.

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Sakat Chauth Vrat 2025 : जानिए आपके शहर में कितने बजे निकलेगा चांद.

Sankashti Chaturthi 2025: भगवान गणेश के भक्त इस साल की संकष्टी चतुर्थी का इंतजार कर रहे हैं.  आप को बता दें कि इस साल की संकष्टी चतुर्थी जल्द ही आने वाली है. इस खास दिन को माघ (Magh Month) के महीने में मनाया जाता है. इस माह का कृष्ण पक्ष आने के बाद जो चतुर्थी तिथि आती है. उसी दिन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. इस व्रत को हिंदू धर्म बहुत ही महत्वपूर्ण भी माना जाता है. साल की पहली संकष्टी चतुर्थी होने के कारण इस चतुर्थी को बहुत खास भी माना जा रहा है. इस खास अवसर पर हम आपको बताते हैं क्या है भगवान गणेश (Lord Ganesh) के पूजन और व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि (Poojan Vidhi). साथ ही ये भी जान लीजिए किस मंत्र के साथ पूजन करना ज्यादा फलदायी माना जाता है.

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संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और मंत्र | Sankashti Chaturthi Shubh Muhurat, Pujan Vidhi And Mantra

संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी इस बार 17 जनवरी को पड़ रही है. यानी संकष्टी चतुर्थी का पूजन और व्रत भी इसी दिन रखा जाएगा. अब बात करते हैं तिथि शुरू होने के सही समय की. 17 जनवरी को सुबह 4 बजकर 6 मिनट पर इस तिथि की शुरुआत होगी. बात करें इस तिथि के समापन यानी कि खत्म होने की तो अगले दिन यानी कि 18 जनवरी को तिथि का समापन माना जाएगा. जिसका सही समय माना गया है 5 बजकर 30 मिनट, सुबह का. आमतौर पर हिंदू पर्व उदया तिथि के साथ शुरू होने की मान्यता है. इस नाते लंबोदर संकष्टी चतुर्थी की शुरुआत 17 जनवरी से ही माना जा रहा है. व्रत रखने के लिए यही सही दिन माना जाएगा.

अब बात करते हैं इस दिन के चंद्रोदय के समय की. पंचांग के अनुसार चंद्रोदय का समय, संकष्टी चतुर्थी के दिन होगा रात 8 बजकर 55 मिनट पर.

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आपके शहर में चंद्रोदय का समय  जानिए यहां | Sakat Chauth Moon Rise Time

Delhi Moon Rise Time : दिल्ली - 9 बजकर 9 मिनट

Noida Moon Rise Time : 9 बजकर 7 मिनट

Gurugram Moon Rise Time - 9 बजे

Ghaziabad Moon Rise Time : 9 बजकर 8 मिनट

Kanpur Moon Rise Time : 8 बजकर 57 मिनट 

Prayagraj  Moon Rise Time : 8 बजकार 52 मिनट 

Meerut Moon Rise Time : : 9 बजकर 6 मिनट 

Mathura Moon Rise Time : 9 बजकर 8 मिनट

Mumbai Moon Rise Time : 9 बजकर 34 मिनट

Amritsar Moon Rise Time :  9 बजकर 16 मिनट

Ahmedabad Moon Rise Time : 9 बजकर 32 मिनट

Agra Moon Rise Time : 9 बजकर 5 मिनट

Patna Moon Rise Time : 8 बजकर 44 मिनट

lucknow Moon Rise Time : 8 बजकर 44 मिनट

इस तरह भगवान गणेश का पूजन

संष्टी चतुर्थी के मौके पर भगवान गणेश की खास तरह से पूजन करने मान्यता भी है. इस दिन जो लोग उपवास, व्रत करते हैं और पूजने करने वाले हैं. उन्हें सुबह जल्दी उठना चाहिए. जल्दी उठने के बाद सबसे पहले स्नान कर खुद को स्वच्छ करना चाहिए. उसके बाद उस स्थान को स्वच्छ और शुद्ध करने की मान्यता है जहां भगवान गणेश का पूजन किया जाना है. उस स्थान को साफ करने के बाद वहां हरे रंग का या फिर लाल रंग का कोरा या स्वच्छ कपड़ा बिछा दें. इस वस्त्र पर आपको भगवान गणेश की प्रतिमा या मूर्ति रखनी है. पूजन शुरू करने से पहले भगवान गणेश के नाम का स्मरण करते हुए संकल्प लेना चाहिए कि आप किस तरह इस दिन व्रत करने वाले हैं. इसके बाद भगवान गणेश को जल से स्नान करवाएं. और, उन्हें पीले चंदन का तिलक लगा दें.

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अब भगवान को दूसरी वस्तुएं अर्पित करें. उन्हें फूल चढ़ाएं. मौसमी फल भी उन्हें अर्पित करें. साथ ही रोली और अक्षत भी अर्पित करें. गणेश जी को दूर्वा बहुत प्रिय मानी जाती है. इसलिए उन्हें 21 दूर्व अर्पित करें. आप भगवान गणेश को उनका प्रिय भोग लड्डू, मोदक या तिलकूट का भोग लगा सकते हैं. अगर ये भोग न हो तो फिर मीठे में कोई अन्य भोग की वस्तु भी अर्पित कर सकते हैं. पूजा की प्रक्रिया पूरी होने केक बाद भगवान गणेश के व्रत की कथा पढ़ें और सबसे बाद में आरती करें. इसके बाद चंद्रमा के पूजन की बारी आती है.

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शाम होने पर आप चंद्र देव के दर्शन कर उनका पूजन करें. उन्हें शुद्ध जल से अर्घ्य दें. इसके बाद आप व्रत का पारण कर सकते हैं.

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इस मंत्र का करें जाप

अब हम आपको वो मंत्र बता रहे हैं जिसका जाप लंबोदर संकष्टी चतुर्थी पर करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के जाप से व्रत सफल होता है.

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

एकदंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः।

प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने।।

कदंताय विद्‍महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात।।

॥ ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥

ॐ गंग गणपतये नमो नमः

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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