बुधवार को किया जाता है इस बुध कवच का पाठ, जानिए इससे जुड़ी मान्यता

बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना जाता है. बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश का विधि-विधान से पूजन और व्रत किया जाता है. मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति का बुध मजबूत है तो उसे जीवन में यश, कीर्ति और प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि बुधवार के दिन बुध कवच का पाठ करना शुभ माना जाता है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
जानिए बुधवार के दिन क्यों किया जाता है बुध कवच का पाठ
नई दिल्ली:

बुधवार का दिन भगवान गौरी गणेश (Lord Ganesha) को समर्पित होता है. आज के दिन भगवान श्री गणेश का विधि-विधान से पूजन और व्रत किया जाता है. वहीं, इस दिन बुध ग्रह की पूजा आदि का भी विधान है. बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना जाता है. मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति का बुध मजबूत है तो उसे जीवन में यश, कीर्ति और प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए आज के दिन (बुधवार) बुध कवच और बुध स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. कहते हैं कि बुधवार के दिन बुध कवच (Budh Kavach) का पाठ करना शुभ माना जाता है. यहां पढ़ें बुध कवच और बुध स्तोत्र का पाठ.

बुध कवच (Budh Kavach)

अस्य श्रीबुधकवचस्तोत्रमन्त्रस्य, कश्यप ऋषिः,

अनुष्टुप् छन्दः, बुधो देवता, बुधप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः

अथ बुध कवचम्

बुधस्तु पुस्तकधरः कुङ्कुमस्य समद्युतिः ।

पीताम्बरधरः पातु पीतमाल्यानुलेपनः ।।1।।

कटिं च पातु मे सौम्यः शिरोदेशं बुधस्तथा ।

नेत्रे ज्ञानमयः पातु श्रोत्रे पातु निशाप्रियः ।।2।।

घाणं गन्धप्रियः पातु जिह्वां विद्याप्रदो मम।

कण्ठं पातु विधोः पुत्रो भुजौ पुस्तकभूषणः ।।3।।

वक्षः पातु वराङ्गश्च हृदयं रोहिणीसुतः।

नाभिं पातु सुराराध्यो मध्यं पातु खगेश्वरः ।।4।।

जानुनी रौहिणेयश्च पातु जङ्घ्??उखिलप्रदः।

पादौ मे बोधनः पातु पातु सौम्यो??उखिलं वपुः ।।5।।

अथ फलश्रुति

एतद्धि कवचं दिव्यं सर्वपापप्रणाशनम् ।

सर्वरोगप्रशमनं सर्वदुःखनिवारणम् ।।

आयुरारोग्यशुभदं पुत्रपौत्रप्रवर्धनम् ।

यः पठेच्छृणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत् ।।

इति श्रीब्रह्मवैवर्तपुराणे बुध कवच सम्पूर्णम्।।

बुध स्तोत्र

पीताम्बर: पीतवपुः किरीटश्र्वतुर्भजो देवदु: खपहर्ता।

धर्मस्य धृक् सोमसुत: सदा मे सिंहाधिरुढो वरदो बुधश्र्व ।।1।।

प्रियंगुकनकश्यामं रुपेणाप्रतिमं बुधम्।

सौम्यं सौम्य गुणोपेतं नमामि शशिनंदनम ।।2।।

सोमसूनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित:।

सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम् ।।3।।

उत्पातरूप: जगतां चन्द्रपुत्रो महाधुति:।

सूर्यप्रियकारी विद्वान् पीडां हरतु मे बुध: ।।4।।

शिरीष पुष्पसडंकाश: कपिशीलो युवा पुन:।

सोमपुत्रो बुधश्र्वैव सदा शान्ति प्रयच्छतु ।।5।।

श्याम: शिरालश्र्व कलाविधिज्ञ: कौतूहली कोमलवाग्विलासी ।

रजोधिकोमध्यमरूपधृक्स्यादाताम्रनेत्रीद्विजराजपुत्र: ।।6।।

अहो चन्द्र्सुत श्रीमन् मागधर्मासमुद्रव:।

अत्रिगोत्रश्र्वतुर्बाहु: खड्गखेटक धारक: ।।7।।

गदाधरो न्रसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित:।

केतकीद्रुमपत्राभ इंद्रविष्णुपूजित: ।।8।।

ज्ञेयो बुध: पण्डितश्र्व रोहिणेयश्र्व सोमज:।

कुमारो राजपुत्रश्र्व शैशेव: शशिनन्दन: ।।9।।

गुरुपुत्रश्र्व तारेयो विबुधो बोधनस्तथा।

सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।10।।

एतानि बुध नमामि प्रात: काले पठेन्नर:।

बुद्धिर्विव्रद्वितांयाति बुधपीड़ा न जायते ।।11।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली में AAP-BJP के बीच सत्ता का कड़ा मुकाबला
Topics mentioned in this article