Ratha Saptami 2022: कब है रथ सप्तमी, इस दिन की जाती है सूर्य देव की पूजा, जानें पूजा की विधि और महत्व

रथ सप्तमी को सूर्य जयंती के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन समस्त जगत को सूर्य देव ने आलोकित करना शुरू किया था. इसलिए इस दिन को सूर्य जयंती के रूप में मनाया जाता है.

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हिंदू धर्म में हर महीने आने वाली तिथियों का खास महत्व होता है. हर तिथि किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होती है. इसी तरह माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन रथ सप्तमी मनाई जाती है. रथ सप्तमी को सूर्य जयंती के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन समस्त जगत को सूर्य देव ने  आलोकित करना शुरू किया था. इसलिए इस दिन को सूर्य जयंती के रूप में मनाया जाता है. सप्तमी को सूर्य रथ सप्तमी, आरोग्य सप्तमी और अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है.

कब है रथ सप्तमी 

 इस साल 7 फरवरी 2022 को सूर्य जयंती यानी रथसप्तमी मनाई जाएगी. कहा जाता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को सुख समृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है.  ज्योतिष आचार्यों की मानें तो कैरियर और कारोबार में तरक्की पाने के लिए भी सूर्य का मजबूत होना जरूरी है. कहते हैं कि सूर्य मजबूत होने से नौकरी और कारोबार में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आती. कहा तो ये भी जाता है कि सुख समृद्धि और शांति पाने के लिए रोजाना सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए.

 रथ आरोग्य सप्तमी की व्रत विधि

 रथ सप्तमी के दिन सुबह उठकर सबसे पहले सूर्य देव को नमस्कार करें. इस बात का ध्यान रखें कि जब आप सूर्य देव को नमस्कार कर रहे हों तब आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. इसके बाद स्नान करें और फिर हाथ में जल लेकर आचमन करें. इस दिन लाल कपड़े पहनने का महत्व होता है इसलिए पूजा के दौरान लाल रंग के कपड़े पहनें और जल में तिल, दूर्वा, चंदन, लाल रंग और अक्षत मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें.  शुद्ध देसी घी का दिया जलाएं और ऊं घृणि सूर्याय नम:, ऊं सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें.  पीले फूल, पीले फल, धूप, दीप और अक्षत भगवान विष्णु को चढ़ाकर उनकी पूरे विधि विधान से पूजा करें. आखिरी में आरती करके पूजा संपन्न करें. रथ सप्तमी के दिन दान करने का खास महत्व होता है.

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