Raksha Bandhan 2022: इस वर्ष रक्षाबंधन को 11 अगस्त के दिन भी मनाया गया है और 12 अगस्त के दिन भी. बता दें कि यह उलझन भद्रा (Bhadra) के चलते हुई है. लोगों के आपसी मत के चलते आज भी रक्षाबंधन मनाया जा रहा है. आज रक्षाबंधन के शुभ मुहुर्त की बात करें तो बहनें आज सुबह-सुबह ही भाई की कलाई पर राखी बांध पाएंगी. इसके अलावा रक्षाबंधन से भाई-बहन के आपसी प्रेम की पौराणिक कथा (Mythological Story) भी जुड़ी हुई है. आइए जानें यह कथा कौनसी है.
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रक्षाबंधन की कथा | Raksha Bandhan Katha
रक्षाबंधन की धार्मिक कथा माता लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) से जुड़ी हुई है. इस कथा की मानें तो इस दिन की शुरुआत माता लक्षमी के भाई की कलाई पर राखी बांधने से हुई थी. असल में इस पौराणिक कथा के अनुसार राजा बलि ने अश्वमेघ यज्ञ करवाया था और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने वामन अवतार धारण कर राजा बलि से तीन पग धरती दान में मांगी थी. राजा बलि ने तीन पग धरती देने के लिए हां कहा तो भगवान विष्णु ने विशालकाय होकर तीन पग में ही यानी तीन कदम में ही पूरी धरती नाप ली. इसके बाद राजा बलि (Raja Bali) को रहने के लिए पाताल लोक दे दिया गया. इसके पश्चात राजा बलि ने भगवाल विष्णु को भी अपने साथ पाताल लोक में रुकने के लिए कहा जिसपर भगवान विष्णु ने हामी भर दी.
इस सब ने माता लक्ष्मी को चिंतित कर दिया. माता लक्ष्मी की स्थिति देख नारद मुनि ने उन्हें सुझाव दिया कि वे राजा बलि को अपना भाई बनाकर उनसे मनचाहा वरदान मांग लें. मां लक्ष्मी ने बिल्कुल ऐसा ही किया.
मां लक्ष्मी भेष बदलकर पाताल लोक गई और वहां जाकर रोने लगीं. उन्हें देखकर राजा बलि ने रोने की वजह पूछी तो वे बोलीं कि उनका कोई भाई नहीं है इसलिए वे रो रही हैं. राजा बलि ने उनकी व्यथा सुलझाते हुए कहा कि मैं बनुंगा आपका भाई. मां लक्ष्मी ने इसके पश्चात राजा बलि के हाथों में राखी (Rakhi) बांधी और उन्हें अपना भाई बनाते हुए भगवान विष्णु को मांग लिया. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तरह शुरू हुई राखी की परंपरा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)