हिंदू धर्म में हर व्रत का काफी महत्व होता है. आज हम आपको प्रदोष व्रत के बारे में बता रहे हैं. जो हर महीने की त्रयोदशी को रखा जाता है.
त्रयोदशी तिथि हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष में आती है. बता दें, यह विशेष दिन भगवान शिव के लिए समर्पित होता है. इस साल कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं. ऐसे में हर महीने दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं, इस साल जुलाई महीने का प्रदोष व्रत 7 जुलाई को रखा जाएगा. बता दें, त्रयोदशी तिथि 7 जुलाई से शुरू होकर 8 जुलाई की देर रात 03 बजकर 20 मिनट तक रहेगी.
क्या है व्रत के नियम
प्रदोष व्रत वैसे तो निर्जला रखा जाता है इसलिए इस व्रत में फलाहार का विशेष महत्व होता है. ये व्रत पूरे दिन का होता है. बता दें, व्रत के दौरान अन्न, नमक, मिर्च आदि का सेवन न करें. व्रत के समय एक बार ही फलाहार ग्रहण कर सकते हैं.
प्रदोष व्रत पर इस विधि से करें पूजा
- इस पवित्र दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ- सुथरे कपड़े पहनें.
-पूजा के स्थान पर गंगा जल का छिड़काव कर साफ करें.
- भगवान शिव की मूर्ति को स्नान कराएं.
- भगवान शिव की मूर्ति को चंदन लगाएं.
- पूजा के बाद व्रत के नियमों का पालन कर व्रत करें.
- प्रदोष काल में प्रदोष व्रत की कथा सुनें व पढ़ें और पूजन करें.
- सफेद चीजों का भोग अर्पित करें.
- भगवान शिव की आरती के बाद भोग सभी में बांटें और खुद भी ग्रहण करें.