प्रदोष व्रत पर शिव मंत्रों के जाप से अत्यंत प्रसन्न होते हैं महादेव

Pradosh mantra mantra : त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा के समय शिव मंत्रों के जाप को अत्यंत फलदाई माना जाता है. साल के पहले प्रदोष व्रत के दिन नटराज स्तुति मंत्र का जाप करने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त करने में मदद मिल सकती है.

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नटराज स्तुति मंत्र के जाप में जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

Chanting Nataraja Stut Mantra on Pradosh Vrat will solve problems: हर माह की त्रयोदशी तिथि महादेव की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन भोले के भक्त प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) रखते हैं और प्रदोष काल में विधि-विधान से महादेव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं. पौष माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत होगा. त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा के समय शिव मंत्रों के जाप को अत्यंत फलदाई माना जाता है. साल के पहले प्रदोष व्रत के दिन नटराज स्तुति मंत्र (Nataraj Stuti Mantra ) का जाप करने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त करने में मदद मिल सकती है. आइए जानते हैं कब है साल का पहला प्रदोष व्रत और व्रत के दिन नटराज मंत्र का जाप करने से क्या होता है लाभ (Nataraj Stuti Mantra on Pradosh Vrat). 

वर्ष का पहला प्रदोष व्रत - First Prodosh Vrat of this year

पौष माह में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 जनवरी को सुबह 8 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और 12 जनवरी को सुबह 6 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगी. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में किया जाता है. प्रदोष व्रत 11 जनवरी शनिवार को रखा जाएगा. साल के पहले प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर की पूजा का मुहूर्त शाम 5 बजकर 43 मिनट से 8 बजकर 26 मिनट तक है.

करें नटराज स्तुति मंत्र का जाप

प्रदोष व्रत के दिन पूजा के समय शिव मंत्रों के जाप से महादेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर असीम कृपा करते हैं. इस बार प्रदोष व्रत के दौरान नटराज स्तुति मंत्र का जाप करें.

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।। नटराज स्तुति पाठ।।

सत सृष्टि तांडव रचयिता

नटराज राज नमो नमः ।

हे आद्य गुरु शंकर पिता

नटराज राज नमो नमः ॥

गंभीर नाद मृदंगना

धबके उरे ब्रह्माडना ।

नित होत नाद प्रचंडना

नटराज राज नमो नमः ॥

शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा

चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां ।

विषनाग माला कंठ मां

नटराज राज नमो नमः ॥

तवशक्ति वामांगे स्थिता

हे चंद्रिका अपराजिता ।

चहु वेद गाए संहिता

नटराज राज नमोः ॥

शिव मंत्रों के जाप से लाभ

भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रदोष तिथि को अत्यंत फलदाई माना जाता है. इस दिन प्रदोष व्रत रखकर प्रदोष काल में प्रभु की पूजा से उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है. प्रदोष व्रत रखने और महादेव की पूजा-अर्चना से जीवन की परेशानियों का अंत होता है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने और विशेष मंत्रों का जाप करने से जीवन से हर तरह की बाधाओं का नाश हो जाता है. जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलने लगती है. शिव मंत्रों के शब्दों के उच्चारण से ऊर्जा प्राप्त होती है और मन शांत होता है. इन मंत्रों के जाप से तनाव कम होने लगता है और मन आध्यात्मिक ऊर्जा से पूर्ण हो जाता है. इस समय शिव मंत्रों के साथ-साथ नटराज स्तुति मंत्र का पाठ करना भी विशेष लाभकारी होता है.

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नटराज स्तुति मंत्र का पाठ से लाभ

मन की शांति

नटराज स्तुति मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और तनाव दूर होता है.

रोगों से मुक्ति

नटराज स्तुति मंत्र के जाप कई प्रकार के रोगों से मुक्ति मलती है.

सुख-समृद्धि

नटराज स्तुति मंत्र के जाप में जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

मनोकामनाओं की पूर्ति

नटराज स्तुति मंत्र मनोकामनाओं को पूरा करने में मदद करते हैं.

शनि दोष का निवारण

नटराज स्तुति मंत्र शनि दोष से पीड़ित लोगों के लिए बहुत लाभदायक होते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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