Pitru Paksha 2022: कब शुरू हो रहा है पितृ पक्ष, जानें श्राद्ध की सभी तिथियां और महत्व

Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध किया जाता है. इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर से शुरू हो रहा है. ऐसे में जानते हैं पितृ पक्ष की तिथियां, महत्व और विधि.

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Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष 10 सितंबर, 2022 से शुरू हो रहा है.

Pitru Paksha 2022 Date: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व है. पतृ पक्ष के 15 दिनों में पतरों के निमित्त श्राद्ध और तर्पण किया जाता है. इस साल पितृ पक्ष (Pitru Paksha) की शुरुआत 10 सितंबर से हो रही है. साल 2022 में पितृ पक्ष 10 सितंबर से 25 सितंबर तक रहेगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष (Pitru Paksha) का आरंभ भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से होता है. जिसका समापन आश्विन मास की अमावस्या तिथि को होता है. आश्विन मास की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है. इसके अगले दिन से शारदीय नवरात्र शुरू हो जाते हैं. यानी इस साल शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से शुरू होंगे. आइए जानते हैं पितृ पक्ष की तिथियां, महत्व और नियम.

पितृ पक्ष की तिथियां | Pitru Paksha 2022 Dates

10 सितंबर 2022- पूर्णिमा श्राद्ध भाद्रपद, पूर्णिमा

11 सितंबर 2022- प्रतिपदा श्राद्ध, आश्विन, कृष्णपक्ष प्रतिपदा

12 सितंबर 2022- आश्विन, कृष्णपक्ष द्वितीया

13 सितंबर 2022- आश्विन, कृष्णपक्ष तृतीया

14 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्णपक्ष चतुर्थी

15 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्णपक्ष पंचमी

16 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्णपक्ष षष्ठी

17 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्णपक्ष सप्तमी

18 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्णपक्ष अष्टमी

19 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्णपक्ष नवमी

20 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्णपक्ष दशमी

21 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्ण एकादशी

22 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्णपक्ष द्वादशी

23 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्णपक्ष त्रयोदशी

24 सितंबर 2022 - आश्विन, कृष्णपक्ष चतुर्दशी

25 सितंबर 2022 - आश्विन अमावस्या

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पितृ पक्ष का महत्व | Pitru Paksha 2022 Importance

हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व है. पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य करने की मनही होती है. मान्यता है कि पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2022) के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य करने से पितरों की आत्मा को कष्ट पहुंचता है. यही कारण है कि इस दौरन शादी, गृह प्रवेश, उपनयन, मुंडन समेत अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इसके साथ ही मान्यता यह भी है कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने से कुंडली का पितृ दोष खत्म हो जाता है. पितृपक्ष में पितरों के निमित्त पिंडदान की परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. लोग काशी और गया जाकर पितरों का पिंडदान करते हैं. इसके अलावा पितृ पक्ष में ब्रह्म भोज का भी खास महत्व है. इस दौरान ब्रह्म भोज कराने से पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है. जिसके परिणामस्वरूप घर-परिवार में खुशहाली और संपन्नता आती है. 

पितृ पक्ष में कैसे किया जाता है तर्पण | Pitru Paksha 2022 Tarpan Vidhi

कई लोग पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में रोजाना अपने पूर्वजों के निमित्त तर्पण करते हैं. जबकि कुछ लोग श्राद्ध की तिथियों पर पितरों का तर्पण करते हैं. मान्यतानुसार, श्राद्ध के दिन ब्रह्मणों को घर बुलाएं और उन्हें भोजन कराकर यथासंभव दान दें. इस दौरान लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए तेल ना लगाएं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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