Pitru Paksha 2024 : हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (Pitru Paksha) की बहुत मान्यता है. पितरों को घर-घर में भगवान की तरह पूजा जाता है. मान्यता है कि पितरों को नजरअंदाज करने या उनके किसी बात से रूठ जाने पर तरक्की में बाधा आती है. कहा जाता है कि इंसान की जिंदगी में चीजें उलट-पुलट होने लगती हैं. एक तरह से बुरा समय इंसान पर हावी हो जाता है. ऐसे में पितृ पक्ष के समय में उनकी पूजा (Worship) करना ही सबसे बड़ा हल होता है. 17 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो रहे हैं और 2 अक्टूबर को समाप्त होंगे. ऐसे में पितृ पक्ष के दिनों में पितृ दोष (Incidents caused by Pitra Dosh)से मुक्ति पाने के लिए क्या-क्या करना है आइए जानते हैं.
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पितृ दोष से होने वालीं घटनाएं (Incidents caused by Pitra Dosh)
संतान उत्पत्ति में बाधा आना (Obstruction in Procreation)
पौराणिक मान्यताओं की मानें तो, पितृ दोष से संतान उत्पत्ति में बाधा आती है और वंश वहीं का वहीं रुक जाता है. ऐसा तब होता है जब इंसान पितृ दोष से पीड़ित होता है.
पीपल का आंगन में उग जाना (Peepal tree growing in the courtyard)
पीपल का पौधा अचानक आंगन में उग जाने का मतलब पिृत दोष माना जाता है. घर की दीवारों पर दरारें आना, टूटे हुए घमलों में पीपल के पौधे का उग आरा बुरा संकेत है.
काम पर संकट आना (Trouble at work)
अगर किसी इंसान के बिजनेस और नौकरी में बाधा आ रही है, तो वो पितृ दोष का संकेत है. कई बार मेहनत के बाद भी काम नहीं बन रहा इसका मतलब भूले-बिसरे रूठे हुए हैं.
घर में अन्यूजुअल घटनाओं का होना (Random incidents at home)
जब में घर में अचानक कोई बड़ी दुर्घटनाएं अचानक होने लगे तो समझ लेना पिृत दोष है. लगातार हो रहीं ऐसी दुर्घटनाओं को इग्नोर कतई ना करें.
पितृ दोष से मुक्ति का उपाय ( Pitra Dosh Solutions)
पितृ पक्ष में तर्पण, पिंडदान, शुद्ध विचार और कर्म करना चाहिए.
पितरों की शांति के लिए भोजन और जल चढ़ाते रहें.
पितरों की तस्वीरों पर से धूल हटाएं और उनपर माला चढ़ाएं.
दक्षिण दिशा में पितरों के नाम का दीया जरूर जलाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)