Papankusha Ekadashi : इस साल (2021) 16 अक्टूबर शनिवार को एकादशी तिथि का व्रत रखा जायेगा. ये व्रत आश्विन मास की शुक्ल पक्ष में आता है. ज्ञात हो कि इस एकादशी की तिथि को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है. बता दें कि ये एकादशी अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में होती है, जिसका हिन्दू धर्म में काफी महत्व है. माना जाता है कि महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्टिर और अर्जुन को एकादशी व्रत के महत्व बारे में बताया था. इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा-अराधना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को सच्चे मन से करने से सूर्य यज्ञ व तप के समान फल मिलता है. इसके साथ ही मनुष्यों के पापकर्मों का भी नाश इस व्रत के द्वारा होता है. जानिये पापांकुशा एकादशी व्रत का मुहूर्त और इसका महत्व.
पापाकुंशा एकादशी का महत्व
इस एकादशी व्रत का बेहद महत्व है. इस व्रत के दिन मौन रहकर भगवद् स्मरण करना चाहिए. इसके साथ ही भजन-कीर्तन करने का विधान है. बता दें कि पापाकुंशा एकादशी पर भगवान श्री हरि विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप को पूजा जाता है. माना जाता है कि इस व्रत के दौरान भगवान विष्णु की उपासना करने से मन पवित्र हो जाता है. इसके साथ ही आपने कई सद्गुणों का समावेश होता है. धार्मिक मान्यताओं की मानें तो इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को कठिन तपस्या के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है.
Papankusha Ekadashi 2021 : जानें पापांकुशा एकादशी का महत्व
पापांकुशा एकादशी का मुहूर्त
पंचांग के आधार, इस वर्ष 16 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी व्रत तिथि पड़ रही है. बता दें कि एकादशी तिथि की शुरुआत 15 अक्टूबर के दिन शाम छह बजकर पांच मिनट से होगा. वहीं एकादशी की तिथि का समापन शनिवार की शाम पांच बजकर 37 मिनट पर हो जाएगा. इसके साथ ही एकादशी व्रत के पारण का समय 17 अक्टूबर को सुबह छह बजकर 28 मिनट से आठ बजकर 45 मिनट तक रहेगा.