Krishna Janmashtami 2021 : बाल गोपाल के जन्म का उत्सव है जन्माष्टमी. बाल गोपाल के भक्त इस तिथि पर पूरा दिन उपवास रखते हैं. देर रात बारह बजे कान्हा का जन्म होता है. पालने में विराजित बाल गोपाल को झूला झूलाकर प्रसाद का भोग लगता है. नटखट कान्हा के भक्त उनके लिए प्रसाद भी उनका पसंदीदा ही चढ़ाते हैं. कान्हा को उनकी पारंपरिक पोशाक पहनाई जाती है. मोरमुकुट, कान में कुंडल, हाथ में बांसुरी के साथ उनका श्रृंगार होता है. और प्रसाद में चढ़ते हैं कुछ खास पकवान. वैसे तो माखनचोर कन्हैया अपने भक्तों से रूठते नहीं. पर प्रसाद में मनपसंद वस्तु पाकर प्रसन्न जरूर होते हैं.
माखन मिश्री
माखन चोर हैं तो माखन का प्रसाद में होना जरूरी भी है. इसलिए कन्हैया को माखन मिश्री का भोग चढ़ाया जाता है. दही और मिश्री को एक साथ मिलाकर तब तक फेंटा जाता है जब तक मक्खन अलग न हो जाए. मक्खन अलग होते ही उसे प्रसाद में कन्हैया को भोग लगाते हैं.
धनिया की पंजीरी
जन्माष्टमी पर ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रसाद होता है. कान्हा की आराधना करने वाले भक्त भी इसी प्रसाद से अपना व्रत खोलते हैं. इसलिए जब करें लड्डू गोपाल की पूजा तब इस प्रसाद को चढ़ाना न भूलें.
आटे की पंजीरी
जैसे धनिया की पंजीरी माखनचोर को पसंद है. उसी तरह आटे की पंजीरी भी माखनचोर को अतिप्रिय है. अगर धनिया और आटे दोनों की पंजीरी का भोग कान्हा को लग जाए तो कहना ही क्या. इसलिए आप भी आलस मत करिए. धनिया के साथ साथ आटे की पंजीरी भी जरूर बनाए. कान्हा को भोग लगाएं और प्रसाद में खुद भी खाएं.
मखाने की खीर
आमतौर पर भगवान के प्रसाद में चावल की खीर से भोग लगाया जाता है. पर कान्हा की पसंद जरा हट कर है. माखनचोर को खीर भी मखाने वाली पसंद है. इसलिए जब कन्हैया के लिए खीर बनाए तो याद रखें की वो मखाने और मेवे वाली हों.
पंचामृत
दूध, दही से जो भी खाने की वस्तु बन सकती है वो सब कान्हा को पसंद है. इसलिए माखन मिश्री, मखाने की खीर के अलावा पंचामृत बनाकर उसका भोग भी कान्हा को जरूर लगाएं. ताकि नटखट बालगोपाल प्रसन्न हो जाएं.