Nitish Kumar Oath Ceremony: नीतीश कुमार 11.30 बजे लेंगे शपथ, बिहार के लिए क्या लेकर आ रहा ये मुहूर्त?

Nitish Kumar Oath Ceremony: बिहार चुनाव में एनडीए की बंपर जीत के बाद आज आज 20 नवंबर 2025, गुरुवार को नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. क्या कहती है नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण की कुंडली? कब तक और कैसी चलेगी बिहार की एनडीए सरकार? जानने के लिए देखें नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण की पूरी कुंडली.

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Bihar CM Oath Ceremony: कब तक और कैसी चलेगी बिहार की एनडीए सरकार?
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Bihar CM Oath Ceremony Kundali analysis and prediction: बिहार के विधानसभा चुनाव में मिली बंपर जीत के बाद आज पटना के गांधी मैदान में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. बिहार की सत्ता के सिंहासन पर बैठने के लिए जिस 20 नवंबर 2025 की तारीख और गुरुवार का दिन चुना गया है, उस दिन सुबह 11:30 बजे क्या कुछ रहेगी ग्रहों की स्थिति? क्या बिहार के दिग्गज नेता नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद की शपथ के लिए आज अमावस्या का दिन शुभ साबित होगा? आइए नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण की पूरी कुंडली को दिल्ली के श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर और जाने-माने ज्योतिषाचार्य  प्रो. परमानंद भारद्वाज से विस्तार से जानते हैं.

क्या कहती है ग्रहों की स्थिति?

आज 20 नवंबर 2025, गुरुवार को यदि नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान में प्रात:काल 11:30 शपथ लेते हैं तो उनकी सरकार की कुंडली मकर लग्न और उसकी राशि वृश्चिक होगी. प्रो. परमानंद भारद्वाज के अनुसार मकर लग्न की कुंडली में बृहस्पति केंद्र में है, जो कि अत्यंत ही शुभ कहा जाएगा. यहां पर बृहस्पति भले ही केंद्र का मालिक नहीं लेकिन सप्तम स्थान पर होने के कारण अच्छा कहा जाएगा. शुक्र दशमेश होकर दशम में है. उत्तम ग्रह की स्थि​ति के अनुसार राजयोग प्रदान करने वाला शुक्र इस बात का संकेत देता है कि सरकार का जो मुखिया रहेगा वह अच्छी स्थिति में रहेगा. 

सरकार के सहयोगियों की तरफ से नीतीश कुमार को पूरा सहयोग मिलेगा क्योंकि लाभ यानि एकादश स्थान पर सूर्य, मंगल, बुध और चंद्रमा चार ग्रह एक साथ हैं. इस स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि बिहार सरकार को प्रदेश के लिए धन की कोई कमी नहीं रहने वाली है. उसे केंद्र सरकार की तरफ से पूरा सहयोग और समर्थन मिलने के योग मिलते हैं. शनि का तीसरे घर में बैठना, ग्यारहवें में मंगल-सूर्य का बैठना, अष्टम में केतु का बैठना, पाप ग्रह पाप स्थान पर चले जाने पर इस बात का संकेत देता है कि सरकार को चारों तरफ से सुरक्षा कवच बना रहेगा. 

क्यों शुभ है अभिजित मुहूर्त

अभिजित मुहूर्त में अनेक दोषों का शमन होता है. जैसे वहां पर गो​धूलि लग्न भी अनेक दोषों का हरण करता है. गुरुवार के दिन अभिजित मुहूर्त ग्राह्य है, इसलिए इसमें प्रात:काल 11:35 के बाद ही शपथ समारोह होगा. कुंडली में ग्रहों की दृष्टि सब अनुकूल है, जिसे देखते हुए कहा जा सकता है कि बिहार में सरकार का गठन होने से लेकर उसे उन्नति के मार्ग पर ले जाने के योग दिखाई दे रहे हैं. कुंडली इस बात का संकेत देती है कि बिहार सरकार राज्य को विकसित प्रदेश बनाने के लिए प्रयासरत रहेगी और उसे केंद्र सरकार की तरफ से पूरी मदद मिलेगी. 

क्या नीतीश कुमार पूरे 5 साल बने रहेंगे मुख्यमंत्री?

प्रो. परमानंद भारद्वाज के अनुसार नीतीश कुमार के पूरे 5 साल तक कार्यकाल में आशंका नजर आती है क्योंकि उनकी सरकार का शपथ ग्रहण चर लग्न यानि मकर लग्न में हो रहा है. लग्नेश शनि है और वह तीसरे घर में द्विस्वभाव में बैठा हुआ है. ऐसे में नीतीश के कार्यकाल को लेकर संशय वाली स्थिति कहीं न कहीं बनी रहेगी. साथ ही साथ समय-समय पर उथल-पुथल भी होती रहेगी क्योंकि शनि का द्विस्वभाव राशि में जाना और जब हम नवांश कुंडली में शनि की स्थिति पर नजर डालते हैं तो यहां पर शनि जीरो अंश का पाते हैं. 

मीन राशि में जीरो अंश का होने पर वह कुंडली में कर्क में चला जाता है, अर्थात् नवांश में वह चर राशि में चला गया. इस प्रकार लग्नेश का चर राशि में जाने पर जो सरकार का मुखिया है, उसके लिए कहा जा सकता है कि न सिर्फ सेहत बल्कि अन्य कारणों से अस्थिरता का माहौल बना रहेगा. यहां पर चूंकि लग्नेश शनि है, इसलिए सेहत को मुख्य कारण माना जा सकता है.

नवांश कुंडली में शनि मंगल के साथ युति कर रहा है. यह शनि-मंगी की युति नीतीश सरकार के लिए थोड़ी ही सही लेकिन हानिकारक बता रही है. दशमेश जो कि कार्यक्षेत्र है, उसका मालिक शुक्र है, उसके भी चर के नवांश में जाने पर राहु से युक्त होने पर वह भी संदेहात्मक और परिवर्तनशील बनाता है. हालांकि बिहार की उन्नति के लिए सरकार को कोई बाधा नहीं है लेकिन इस बात की आशंका रहेगी कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल पूरा न कर पाएं. 

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सरकार में सहयोगियों की बात करें तो उसके लिए तृतीय भाव होता है और ग्यारहवां भाव मित्रता और बंधुत्व का तो वहां शनि के पाप ग्रह में बैठना ठीक ही संकेत देता है. ऐसे में नीतीश को सहयोगी दल से कोई खास परेशानी नहीं होने वाली है. बिहार सरकार की कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि भविष्य में मुखिया में बदलाव की संभावना बन सकती है, जिसमें नीतीश कुमार को केंद्र में स्थान देकर भारतीय जनता पार्टी का कोई व्यक्ति प्रदेश की जिम्मेदारी संभाल सकता है. 

कितना शुभ है पीएम मोदी और नीतीश कुमार के लिए शपथ ग्रहण का मुहूर्त

जब भी किसी चीज के लिए मुहूर्त का विचार किया जाता है तो उसमें पंचांग के साथ चंद्र की शुद्धि भी देखी जाती है, यानि चंद्रमा कैसा रहेगा? कहने का तात्पर्य चंद्रमा कहीं 4, 8 या 12वें घर में तो नहीं है. ऐसी स्थिति अशांति और अस्थिरता का कारण बनती है, लेकिन गुरुवार को चंद्रमा वृश्चिक राशि में है. यहां पर सबसे खास बात यह कि नीतीश सरकार और नरेंद्र मोदी दोनों की वृश्चिक राशि है. यहां पर देखें तो दोनों का चंद्रमा यश और अर्थ को देने वाला है. 

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इसे साफ संकेत मिलता है कि बिहार में निश्चित रूप से आर्थिक मजबूती आएगी. दोनों का चंद्र शुद्धि अत्यंत ही उत्तम है. नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार दोनों की अपनी-अपनी वृश्चिक राशि है. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वृश्चिक राशि है और चंद्रमा भी वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र में है, जो कि नरेंद्र मोदी जी का जन्म नक्षत्र है. ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी के लिए आज का दिन उत्तम कहा जाएगा. वहीं नीतीश कुमार जी की बात करें जिन्हें शपथ लेनी है, उनके नाम के अनुसार भी वृश्चिक राशि बनती है. ऐसे में उनके लिए भी आज का शपथ समारोह उनको यश और अर्थ को देने वाला कहा जाएगा. 

शपथ ग्रहण पर अमावस्या का साया!

अमावस्या पर शपथ लेने के कारण कुछ दोष भी रहेगा, क्योंकि अमावस्या के चलते चंद्रमा क्षीण चंद्रमा माना जाता है, लेकिन कृष्णपक्ष में दिन का क्षीण चंद्रमा कोई फर्क नहीं डालता है. ऐसे में देखें तो इस कुंडली में चंद्रमा और सूर्य एक साथ बैठे हैं लेकिन दिन में शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है, इसलिए चंद्रमा का दोष थोड़ा कम हो गया है. मुहूर्त के अनुसार अमावस्या पूर्णा तिथि होती है. शायद इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रतिपदा में शपथ ग्रहण न करा करके अमावस्या में ही इसे कराने का निर्णय लिया है. अमावस्या में चंद्रमा को दोष तो लगता है लेकिन यह पूर्णा तिथि है, इसलिए शपथ ग्रहण के लिए इस तिथि पर अभिजित मुहूर्त को तय किया गया होगा. 

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कब मंडराएंगे बदलाव के बादल?

पूर्णा तिथि सभी कार्यों को पूर्ण करने वाली कही गई है. ऐसे में अमावस्या के क्षीण चंद्रमा का दोष भले हो लेकिन तिथि के हिसाब से 5,10, 15 अथवा 30 यानि अमावस्या और पूर्णिमा पूर्णा तिथि है. ऐसे में बिहार में एनडीए की सरकार का कार्यकाल पूरा होगा, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन मकर लग्न की कुंडली और दशमेश के चर में बैठने से मुखिया के बदलाव होने के बहुत सारे संकेत नजर आते हैं. 

कुंडली के अनुसार जब कर्क का बृहस्पति मई-जून के दौरान आएगा, इस स्थिति के आसार आने वाले साल में मई-जून के दौरान भी दिख सकते हैं. इसके बाद जब शनि 2027 में राशि परिवर्तन करके मीन से मेष में जाएगा और बृहस्पति मई 2026 में कर्क राशि में प्रवेश कर जाएगा तो उस दौरान सरकार में अस्थिरता के आसार दिखाई दे सकते हैं. यह अस्थिरता मुखिया के बदलाव से लेकर मंत्रिमंडल के बदलाव के रूप में नजर आ सकती है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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