Maa Kushmanda ki puja Vidhi: हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि के 9 दिन शक्ति की साधना के लिए बेहद शुभ माने गये हैं और इसका इंतजार शक्ति के साधक पूरे साल करते हैं, ताकि उन पर मां भगवती की कृपा बरसे. नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा की पूजा के लिए समर्पित है. सनातन मान्यता के अनुसार मां कूष्मांडा ने ब्रह्मांड की रचना की थी. अष्टभुजा कूष्मांडा ने अपने दाएं हाथ में कमल, धनुष, बाण और कमंडल लिया हुआ है जबकि उनके बाएं हाथ में गदा, चक्र और जप माला है. आइए मां कूष्मांडा की पूजा की विधि और मंत्र के बारे में जानते हैं.
कैसे करें मां कूष्मांडा की पूजा
मां कूष्मांडा की पूजा करने के लिए साधक को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए. इसके बाद देवी कूष्मांडा की विधि-विधान से पूजा और व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद अपने पूजा घर में या फिर घर के ईशान कोड़ में एक चौकी पर पीले रंग का आसन बिछाकर उस पर माता की तस्वीर या मूर्ति रखें. इसके बाद उस मूर्ति या चित्र पर गंगाजल या पवित्र जल छिड़कें.
इसके बाद देवी कूष्मांडा की फल-फूल, रोली-चंदन, अक्षत, धूप-दीप, वस्त्र-मिठाई आदि अर्पित करते हुए विधि-विधान से पूजा करें. पूजा में माता को पीले रंग की मिठाई का ही भोग लगाएं और उसके बाद दुर्गा सप्तशती या फिर दुर्गा चालीसा का पाठ करें. पूजा के अंत में मां कूष्मांडा की आरती का पाठ करें और पूजा में भूल-चूक की माफी मांगते हुए अपने लिए मंगलकामना करें.
नवरात्रि के चौथे दिन का शुभ रंग
हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की पूजा में माता की प्रिय चीजें चढ़ाने से वो शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपने साधक पर कृपा बरसाती हैं. मान्यता है कि देवी कूष्मांडा को पीला रंग अत्यंत ही प्रिय है. ऐसे में नवरात्रि के चौथे दिन देवी पूजा में पीले रंग के वस्त्र, पीला सिंदूर, पीली चूड़ियां, पीली बिंदी, पीले फल, पीली मिठाई आदि चीजें चढ़ानी चाहिए.
मां कूष्मांडा की पूजा का मंत्र
हिंदू मान्यता के अनुसार देवी की पूजा में मंत्र जप का विशेष महत्व है. ऐसे में मां कूष्मांडा की पूजा में आप नीचे दिये गये किसी भी एक मंत्र का जप श्रद्धा और विश्वास के साथ कर सकते हैं -
1. ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः
2. कूष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)