Durga Saptashati Mantra: नवरात्रि में करें दुर्गा सप्तशती के 5 सिद्ध और संपुट मंत्रों का जाप, हर तरह के कष्टों से मिलेगी मुक्ति!

Durga Saptashati Mantra: नवरात्रि में भक्त दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं. ऐसे में जानते हैं कि दुर्गा सप्तशती पाठ की सही विधि क्या है और इसके सिद्ध और संपुट मंत्र कौन-कौन से हैं.

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Durga Saptashati Mantra: नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के 5 सिद्ध और संपुट मंत्र जानिए.

Navratri Durga Saptashati Path: कलश स्थापन से आश्विन नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है. इस बार आश्विन नवरात्रि (Shardiya Navratri Date) 26 सितंबर से शुरू हो रही है. नौ दिनों तक चलने वाले दुर्गा पूजा (Durga Puja 2022) के दौरान माता के 9 स्वरूपों की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. इस बार नवरात्रि के प्रथम दिन सोमवार है ऐसे में हाथी पर मां दुर्गा का आगमन हो रहा है. शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए भक्त इस दौरान, दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati Mantra) और दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa) का पाठ करते हैं. मान्यता है कि नवरात्रि में दुर्गासप्तशती का पाठ करने और उसनें निहित विशेष संपुट मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को सुख-शांति और आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है. ऐसे में आइए जानते हैं दुर्गा सप्तशती के 5 कुछ सिद्ध और संपुट मंत्र (Durga Saptashati 5 siddha samput Mantra).

दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्व | Durga Saptashati Path Importance

धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के दौरान दुर्गासप्तशती का पाठ करना शुभ और कल्यणकारी होता है. शारदीय नवरात्रि में मुख्य वैसे तो संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ होता है. लेकिन कुछ खास अध्याय का पाठ करने से भी मां दुर्गा की कृपा प्राप्त हो सकती है. दुर्गा सप्तशती में इस बात का जिक्र किया गया है कि देव्या: कवचम्, अर्गलास्तोत्रम् और कीलकस्तोत्रम् का पाठ करना उत्तम होता है. उपरोक्त तीनों अध्याय के पाठ से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. 

दुर्गा सप्तशती की सिद्ध संपुट मंत्र | Durga Saptashati Siddha Samput Mantra

दुर्गा सप्तशती जो कि मार्कंडेय पुराण का अंश है, इसमें मां दुर्गा के कुछ सिद्ध और संपुट मंत्रों का भी जिक्र किया गया है. नवरात्रि में इन मंत्रों का विधिवत जाप करने से मनोकामना की पूर्ति हो सकती है. इसके साथ ही कौन सा मंत्र किन कामना की सिद्धि के लिए है, उसके बारे में भी बताया गया है. 

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सौभाग्य की प्राप्ति के लिए

देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि

रोग से मुक्ति पाने के लिए

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा
रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति

सभी प्रकार के कल्याण के लिए

सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते

शक्ति की प्राप्ति के लिए

सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तु ते

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विपत्ति नाश शुभता की प्राप्ति के लिए

करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी
शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:

बाधाओं से मुक्ति के लिए 

सर्वबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः


नवरात्रि के दौरान इन सिद्ध और संपुट मंत्रो का जाप करते समय चंदन की माला का इस्तेमाल करना उत्तम होता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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