Jyeshtha Masik Shivratri 2022: ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि है इस दिन, जानें शिवरात्रि व्रत के बारे में सबकुछ

Jyeshtha Masik Shivratri 2022: हिंदी पंचांग के मुताबिक प्रत्येक माह की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि शिवरात्रि मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है.

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Jyeshtha Masik Shivratri 2022: ज्येष्ठ मास के मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है.

Jyeshtha Masik Shivratri 2022: ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) पड़ रही है. हिंदी पंचांग के मुताबिक प्रत्येक माह की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. साथ ही मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2022) के दिन व्रत रखा जाता है और शिवजी का अभिषेक (Shiv Abhishek) किया जाता है. मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा रात्रि में की जाती है. इससे पहले सुबह के समय मंदिरों में जलाभिषेक के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है. आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की मासिक शिवरात्रि कब है और पूजा की विधि क्या है. 

मासिक शिवरात्रि 2022 तारीख | Masik Shivratri Date 2022

हिंदी पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 28 मई, शनिवार को दोपहर 01 बजकर 09 मिनट से हो रही है. वहीं चतुर्दशी तिथि का समापन 29 मई, रविवार को दोपहर 02 बजकर 54 पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक मासिक शिवरात्रि का व्रत और पूजन 28 मई को किया जाएगा. 

मासिक शिवरात्रि पूजा शुभ मुहूर्त | Masik Shivratri Puja Shubh Muhurat

मासिक शिवरात्रि की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक है. इसके अलावा इस मासिक शिवरात्रि पर शोभन योग का संयोग बन रहा है. 28 तारीख को सुबह से ही शोभन योग है, जो कि रात 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. इस योग को मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना गया है. इसके अलावा इस दिन राहु काल सुबह 8 बजकर 52 मिनट से 10 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. राहु काल के दौरान शुभ कार्य करना निषेध है. शिवजी की पूजा के लिए राहु काल मान्य नहीं होता है. 

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मासिक शिवरात्रि पूजा विधि | Masik Shivratri Puja Vidhi

मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र, मदार पुष्प, गंगाजल, गाय का कच्चा दूध, अक्षत, सफेद चंदन, शक्कर, शहद इत्यादि वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा जो भक्त इस दिन व्रत रखते हैं, वे व्रत कथा भी सुनते हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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