Magh Purnima 2021: माघ पूर्णिमा स्नान के लिए गंगा स्नान के लिए हजारों श्रद्धालु उत्तराखण्ड,हरिद्वार पहुंच रहे हैं. बता दें, श्रद्धालु भारी संख्या में शुक्रवार देर रात तक पहुंच गए थे. आइए जानते हैं माघ पूर्णिमा के बारे में. क्या है महत्व और शुभ मुहूर्त.
क्या है माघ पूर्णिमा का महत्व
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, दान और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. वैसे तो साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं, जिसमें पूर्ण चंद्रोदय होता है लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का अपना अलग महत्व है. माघ महीने की पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन लोग पवित्र नदियों और मुख्य रूप से गंगा नदी में स्नान करते हैं. साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करना चाहिए.
कब आती है माघ पूर्णिमा
हिन्दू मान्यतानुसार पूर्णिमा तिथि को बेहद शुभ माना जाता है. हर मास के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा तिथि होती है और उसी तिथि से नए माह की शुरुआत होती है. इस साल माघ पूर्णिमा की तारीख आज तय की गई है. कहा जाता है कि माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ उदित होता है.
माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
माघ पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में पूजन और ईश्वर का ध्यान करना अति उत्तम माना जाता है. इस साल माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 26 फरवरी 2021 (शुक्रवार) को दोपहर 03 बजकर 49 मिनट से.
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 27 फरवरी 2021 (शनिवार) दोपहर 01 बजकर 46 मिनट तक.
क्यों शुभ माना जाता है पवित्र नदियों में स्नान ?
माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी जैसे गंगा में स्नान करने से और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी वजह से माघ पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थानों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. हिन्दू मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्नान करने वाले लोगों पर भगवान विष्णु मुख्य रूप से प्रसन्न होते हैं और उन्हें सुख सौभाग्य और धन-संतान तथा मोक्ष प्रदान करते हैं.