Sawan Pradosh Vrat 2023 : इस साल 2 महीने का होगा सावन, जानिए कब पड़ रहा है प्रदोष व्रत, ये है रुद्राभिषेक का समय

मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.

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जानेंगे कि प्रदोष व्रत के दौरान रुद्राभिषेक का शुभ मुहुर्त क्या होगा. 

Sawan Pradosh Vrat 2023:  सावन (Sawan) का महीना शुरू हो गया है. इस बार सावन दो महीने का होगा और सावन की 8 तिथियां पड़ेंगी. हर साल सावन माह में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना और व्रत के विधि विधान का महत्व है. मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है औऱ भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. यूं तो हर साल सावन के महीने में दो ही प्रदोष व्रत आते हैं लेकिन इस साल सावन माह में चार प्रदोष व्रत आएंगे. आपको बता दें कि प्रदोष व्रत सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है. इस साल सावन माह का पहला प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन होगा इसलिए इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा. चलिए यहां जानते हैं कि सावन माह में आने वाले प्रदोष व्रत किस दिन पड़ रहे हैं औऱ इसके साथ ही जानेंगे कि प्रदोष व्रत के दौरान रुद्राभिषेक का शुभ मुहुर्त क्या होगा. 

सावन माह के चार प्रदोष व्रत इस दिन पड़ेंगे  (Sawan Month Four Pradosh Vrat)

  • पहला प्रदोष व्रत: शुक्रवार, 14 जुलाई 2023
  • दूसरा प्रदोष व्रत: रविवार, 30 जुलाई 2023
  • तीसरा प्रदोष व्रत: रविवार, 13 अगस्त 2023
  • चौथा प्रदोष व्रत: सोमवार, 28 अगस्त 2023

 14 जुलाई को होगा सावन का पहला प्रदोष व्रत (Sawan Month First Shukra Pradosh Vrat)

सावन में इस बार कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी शुक्रवार 14 जुलाई के दिन पड़ रही है. इस दिन शुक्र प्रदोष व्रत रखा जाएगा. त्रयोदशी तिथि 14 जुलाई की सांयकाल 7 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो रही है और ये तिथि अगले दिन 15 जुलाई की रात को 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगी. आपको बता दें कि प्रदोष व्रत काल में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. 14 जुलाई को पड़ रहे शुक्र प्रदोष व्रत में शिव पूजा का शुभ मुहुर्त शाम 7 बजकर 21 मिनट से रात 9 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. इस मुहुर्त में व्रती और आम जनता भगवान शिव का पूजा कर सकती है. 

14 जुलाई को रोहिणी नक्षत्र में होगा प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat During Rohini Nakshatra)

14 जुलाई को चूंकि पूरे दिन वृद्धि योग लग रहा है. इस दौरान रोहिणी नक्षत्र लगा होगा. इसलिए शिव पूजा के लिहाज से ये दिन बेहद पवित्र कहा जा रहा है. इस दिन सुबह आठ बजकर अट्ठाईस मिनट पर वृद्धि योग लग रहा है औऱ इस दौरान किए गए शुभ कार्य के फल में वृद्धि होती है. इस दिन अभिजित मुहुर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. 

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प्रदोष व्रत में रुद्राभिषेक का शुभ समय (Rudrabhishek Time)

14 जुलाई को सावन माह के पहले शुक्र प्रदोष व्रत में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जा सकता है क्योंकि इस दिन शिववास हो रहा है. व्रती सुबह 7 बजकर 17 मिनट से शाम तक किसी भी वक्त रुद्राभिषेक कर सकते हैं क्योंकि इस दौरान शिववास नंदी पर रहेगा.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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