Saturn remedies for dhaiya and sade sati: नवग्रहों में शनि एक ऐसे देवता माने जाते हैं, जिनका नाम आते ही लोगों के मन में डर पैदा होने लगता है क्योंकि शनि दण्डनायक हैं. न्याय के देवता हैं. वे व्यक्ति के कर्म का पूरा फल प्रदान करते हैं. शनि (Lord Shani) के न्याय और दंड का को सिर्फ आम आदमी ही नहीं देवतओं को भी स्वीकार करना पड़ा है. ज्योतिष के अनुसार जब कभी भी किसी व्यक्ति के उपर शनि की ढैय्या या फिर साढ़ेसाती आती है तो उसे शनि (Saturn) से संबंधित तमाम तरह के तरह की पीड़ाएं झेलनी पड़ती हैं. जिस शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में आदमी की दशा ही बदल जाती है, आइए उसके कष्टों से बचने के सरल-सनातनी एवं प्रभावी ज्योतिष (Astrology) उपायों के बारे में जानते हैं.
व्यवहार से बदलेगा आपका भाग्य
यदि आप इन दिनो शनि की ढैय्या या फिर शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो इससे जुड़े कष्टों को दूर करने के लिए सबसे पहले आपको लोगों के साथ विनम्रता से पेश आना होगा. सबसे खास बात आपको अपने माता-पिता के साथ अपने अधीनस्थ कर्मचारी और मजदूर वर्ग को हमेशा खुश रखना होगा.
शिव पूजा से दूर होगा शनि का कोप
इस समय शिव की पूजा का शीघ्र फल दिलाने वाला श्रावण मास चल रह है और शनि से संबंधित दोषों और उसके दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए शिव की पूजा सबसे उत्तम मानी गई है. ऐसे में सावन के बचे हुए दिनों में आप विशेष रूप से शिव साधना और उनके मंत्रों का जाप करें.
शनि पूजा से दूर होगी सारे कष्ट
यदि आप शनि से संबंधित कष्ट से परेशान हैं तो आप शनिदेव की पूजा, मंत्र जप आदि करके उन्हें मना सकते हैं. ऐसे में प्रत्येक शनिवार के दिन आप शनि देव को नीले रंग के पुष्प चढ़ाकर और सरसों के तेल का दीया जलाकर उनके मंत्र 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:' का जाप करें. इसी प्रकार शनि से संबंधी चीजों जैसे काला कपड़ा, काला जूता, काला छाता आदि का दान करके भी आप शनि की पीड़ा को शांत कर सकते हैं.
बजरंगी दूर करेंगे शनि के सारे दोष
हिंदू मान्यता के अनुसार शनि संबंधी कष्टों को दूर करने के लिए हनुमत साधना अत्यधिक प्रभावी मानी गई है. यदि आप कुंडली में शनि दोष है और आप उसके कारण परेशान चल रहे हैं तो आपको प्रतिदिन हनुमत साधना करनी चाहिए. मान्यता है कि हनुमान जी चालीसा, सुंदरकांड या फिर बजरंग बाण का पाठ करने से शनि संबंधी कष्ट दूर होते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)