Home Worship Temple: हिंदू धर्म शास्त्रों में घर के मंदिर में मूर्ति स्थापना के लिए कुछ खास नियम बताए गए हैं.
Home Worship Temple: धार्मिक मान्यता है कि पूजा-पाठ (Puja Path) से मन को शांति मिलती है. परंतु, इस भागदौड़ भरी जिंदगी में प्रत्येक दिन मंदिर जाना मुमकिन नहीं हो पाता है. इसलिए अधिकांश लोग घर में ही पूजा के लिए मंदिर (Home Pooja Mandir) बनवाकर उसमें देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित करते हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों में घर के मंदिर में मूर्ति स्थापना के लिए कुछ खास नियम (Special Rules for Idol Installation) बताए गए हैं. आइए जानते हैं कि घर के मंदिर में मूर्ति (Home Worship Temple) स्थापना करने के लिए किन 7 बातों का ध्यान रखना चाहिए.
घर के मंदिर में मूर्ति स्थापना करते समय किन बातों का रखें ध्यान- वास्तु शास्त्र की मानें तो घर का पूजा मंदिर हमेशा पूरब या उत्तर दिशा में होना चाहिए. पूजा मंदिर में भगवान की मूर्तियों को एक दूसरे से कम से कम 1 इंच की दूरी पर रखना चाहिए.
- घर के पूजा मंदिर में प्रथम पूज्य भगवान गणेश की मूर्तियां रखना शुभ माना गया है, लेकिन इस बाद का ध्यान रखना चाहिए कि भगवान की मूर्ति विषम संख्या में न हो यानी 1,3,5 की संख्या में न रखें. भगवान गणेश की कम से कम 2 मूर्तियां रखना शुभ माना गया है.
- कहा जाता है कि घर के पूजा मंदिर में शिवलिंग अंगूठे के आकार से बड़ा नहीं होना चाहिए. साथ ही पूजा मंदिर में एक से अधिक शिवलिंग रखने से बचना चाहिए.
- घर के पूजा मंदिर में शिवलिंग की तरह ही एक से अधिक हनुमानजी की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए.
- मान्यता है कि घर के पूजा मंदिर में मां दुर्गा की 3 मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए. इसकी जगह आप चाहें तो 2 या 4 मूर्तियां रख सकते हैं.
- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक घर के पूजा मंदिर में भगवान की सौम्य मूर्ति रखनी चाहिए. कहा जाता है कि भगवान शिव की नटराज रूप वाली मूर्ति और मां दुर्गा की कालरात्रि स्वरूप वाली मूर्ति की स्थापना नहीं करनी चाहिए.
- घर के पूजा मंदिर में मूर्तियों की स्थापना किसी शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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