Kartik Snan 2021: कार्तिक मास में किया जाता है तारा स्नान, जानिए क्या है ये परंपरा

Kartik Snan: हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक माह में व्रत, स्नान और दान का बहुत ही ज्यादा महत्व है. मान्यता इससे पाप का नाश होकर सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस माह में पवित्र नदी या जलाशयों में स्नान करने के महत्व दोगुना बढ़ जाता है.

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Kartik Snan 2021: कार्तिक मास आज से, बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा
नई दिल्ली:

Kartik Snan 2021: शास्त्रों में कार्तिक स्नान (Kartik month 2021) का बॉड़ा महत्व बताया गया है. हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक माह में व्रत, स्नान और दान का बहुत ही ज्यादा महत्व है. मान्यता इससे पाप का नाश होकर सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस माह में पवित्र नदी या जलाशयों में स्नान करने के महत्व दोगुना बढ़ जाता है. इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं. यह स्नान कुंवारी या शादीशुदा महिलाएं दोनों कर सकती हैं. कार्तिक माह में व्रत, तप, दान-पुण्य, पवित्र नदियों में स्नान और मंत्र जप आदि का विशेष महत्व होता है, इस माह के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि, जो मनुष्य कार्तिक माह में व्रत, तप, मंत्र जप, दान-पुण्य और दीपदान करता है वह जीवित रहते हुए पृथ्वी पर समस्त सुखों का भोग करता है और मृत्यु के पश्चात भगवान विष्णु के परम धाम बैकुंठ में निवास करता है.

आज शुरु हो रहा है कार्तिक मास

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास 21 अक्टूबर 2021, गुरुवार से शुरू होकर 19 नवंबर 2021, शुक्रवार तक चलेगा. कार्तिक मास अंग्रेजी माह का ग्यारहवां महीना नवंबर और हिंदू कैलेंडर का आठवां महीना होता है. यह महीना व्रत एवं त्योहारों की दृष्टि से खास है. आइए जानते हैं इसका महत्व.

ब्रह्म मुहूर्त में स्नान

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना अति उत्तम माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस महीने किसी पवित्र नदी या घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.

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यहां कहां स्नान है लाभकारी

कार्तिक स्नान के लिए तीर्थराज प्रयाग, अयोध्या, कुरुक्षेत्र और काशी को सर्व श्रेष्ठ स्थान माना गया है, प्राचीन समय में सरस्वती भी श्रेयकर थीं, जिनका बहाव कुरुक्षेत्र में माना जाता था. वहीं, पवित्र नदियों, तीर्थस्थलों पर स्नान शुभ है, अगर इन स्थानों पर नहीं पहुंच सकते तो इन स्थान और यहां बहने वाली नदियों का स्मरण भी लाभकारी है.

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स्नान के लिए मंत्र

आपस्त्वमसि देवेश ज्योतिषां पतिरेव च।

पापं नाशाय मे देव वामन: कर्मभि: कृतम।

यह बोल कर जल की ओर

दु:खदरिद्रयनाषाय श्रीविश्णोस्तोशणाय च।

प्रात:स्नान करोम्यद्य माघे पापविनाषनम।।

कहकर ईश्वर की प्रार्थना करनी चाहिए.

स्नान खत्म करने के बाद यह मंत्र उच्चारण लाभकारी

सवित्रे प्रसवित्रे च परं धाम जले मम।

त्वत्तेजसा परिभ्रश्टं पापं यातु सहस्त्रधा।।

कार्तिक मास में इन नियमों का करें पालन

  • ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास के दौरान अगर आप जमीन में सोते हैं तो मन में पवित्र विचार आते हैं. भूमि में सोना कार्तिक मास का तीसरा प्रमुख काम माना गया है.
  • कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.

कौन से काम करने चाहिए और कौन से नहीं

  • सूर्योदय पूर्व स्‍नान करें.
  • कार्तिक मास में भूलकर भी मछली न खाएं.
  • कार्तिक मास में उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर और राई भी नहीं खानी चाहिए.
  • कार्तिक महीने में भगवान की प्रिय तुलसी जी की पूजा करना शुभ माना जाता है.
  • कार्तिक मास के प्रमुख नियमों में से एक है जमीन पर सोना.
  • शास्‍त्रों के अनुसार, कार्तिक के महीने में शरीर पर तेल लगाने से मना किया जाता है.
  • कार्तिक मास में जितना हो सके बह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
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