Kartik Maas 2021: बेहद पवित्र है कार्तिक मास, जानें इस महीने क्या करें क्या न करें

पूजा पाठ के लिहाज से कार्तिक का महीना काफी उत्तम माना जाता है. ज्ञात हो कि कार्तिक का महीना भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है. 21 अक्टूबर यानी गुरुवार से कार्तिक मास आरंभ हो चुका है, जिसका समापन 19 नवंबर को होगा.

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Kartik Maas 2021: पौराणिक मान्यता के अनुसार शुभ है कार्तिक मास
नई दिल्ली:

Kartik Month 2021: कार्तिक माह (Kartik Month) की शुरुआत 21 अक्टूबर से हो चुकी है. कार्तिक मास में पूजा-पाठ (Kartik Month Puja Path) का विशेष महत्व है. इस दौरान मां लक्ष्मी, भगवान श्री हरि विष्णु और तुलसी जी की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस माह में किया गया पूजा-पाठ लोगों को सद्गति की ओर ले जाता है. चतुर्मास के समापन के बाद शुभ कार्य किए जा सकते हैं. ज्ञात हो कि कार्तिक का महीना भगवान श्री हरि विष्णु (Bhagwan Vishnu Puja) को समर्पित है. वहीं, चार माह बाद कार्तिक मास की देवोत्थान एकादशी (Devouthan Ekadashi) के दिन भगवान निद्रा से जागते हैं. इसके साथ चतुर्मास की समाप्ति हो जाती है. मौसम के लिहाज से भी ये महीना काफी अच्छा होता है. इसमें न ज्यादा सर्दी होती है और न ही ज्यादा गर्मी. बता दें कि हिंदू पंचांग में पूर्णिमा तिथि से तारीख बदलती है. 21 अक्टूबर यानी गुरुवार से कार्तिक मास आरंभ हो चुका है, जिसका समापन 19 नवंबर को होगा. पुराणों में कार्तिक मास की विशेष महत्वता वर्णित है.

कार्तिक मास का महत्व (Importance Of Kartik Month)

शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक के समान कोई मास नहीं है, न सतयुग के समान कोई युग और वेद के साथ समान कोई शास्त्र और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं है. कार्तिक मास को मंगलकारी और श्रेष्ठकारी माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में कुछ नियमों का पालन करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है. इसके अलावा कार्तिक के महीने में सालभर के कई बड़े त्योहार जैसे करवाचौथ, अहोई अष्टमी, दीवाली, भाईदूज आदि पड़ते हैं. इस कारण भी कार्तिक माह काफी विशेष माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिक्षा के लिहाज से भी इस महीने को काफी उत्तम माना गया है?

इन आदतों का करें त्याग (Give Up These Habits)

  • ज्ञात हो कि कार्तिक का महीना पूजा-पाठ व व्रत आदि के लिए काफी उत्तम माना जाता है. मान्यता के मुताबिक इस दौरान किसी भी नशे की लत में न पड़े, यानि किसी भी तरह के नशे को करने से बचें. इसके साथ ही इन दिनों मांस-मदिरा के सेवन से बचें.
  • वहीं माना जाता है कि कार्तिक मास में शरीर पर तेल के इस्तेमाल से बचना चाहिए. आप सिर्फ नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीपावली के दिन ही आप शरीर में तेल लगा सकते हैं या फिर मालिश करवा सकते हैं, इस दिन ऐसा करना शुभ माना गया है, लेकिन इसके उल्ट इस महीने में किसी भी तरह से शरीर में तेल का इस्तेमाल से बचना चाहिए.
  • कहा जाता है कि कार्तिक माह में अरहर की दाल के अलावा उड़द, मूंग, मसूर, चना और मटर की दाल खाने से परहेज करना चाहिए. इसके साथ ही राई का भी सेवन करने से बचना चाहिए.
  • मान्यता है कि कार्तिक मास के दौरान ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए. माना जाता है ऐसा करने से भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होते हैं.
  •  मान्यता है कि कार्तिक माह में भगवान विष्णु पृथ्वीलोक पर आकर लोगों का हाल देखते हैं. ऐसे में छात्र को अपने लक्ष्य के प्रति गंभीरता दिखाते हुए सात्विक जीवन जीना चाहिए.
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