Kaal Bhairav Jayanti 2025: काल भैरव को आखिर क्यों कहा जाता है काशी का कोतवाल, जानें उनकी पूजा के बड़े लाभ

​​​​​​​Kaal Bhairav Jayanti 2025: हिंदू धर्म में भगवान भगवान भैरव को देवों के देव महादेव का स्वरूप माना गया है, जिनकी पूजा करने पर व्यक्ति के सभी कष्ट दूर और कामनाएं पूरी होती हैं. महादेव के इस रुद्रावतार को काशी का कोतवाल क्यों कहा जाता है? भगवान भैरव की पूजा करने के क्या लाभ हैं, जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

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Kaal Bhairav Jayanti 2025: भगवान भैरव की पूजा के 5 बड़े लाभ
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Kaal Bhairav Jayanti 2025 Kashi Ke Kotwal: सनातन परंपरा में मार्गशीर्ष मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी को काल भैरव जयंती के रूप में जाना जाता है. यह पर्व भगवान शिव के उस अवतार की पूजा से जुड़ा है, जिसे काशी का कोतवाल कहते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान काल भैरव एक ऐसे देवता हैं, जिनकी सच्चे मन से पूजा करने पर साधक के सभी कष्ट शीघ्र ही दूर हो जाते हैं. भगवान भैरव की पूजा करने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी भी प्रकार के शत्रु, रोग, ऋण आदि का भय नहीं रहता है. आइए जानते हैं कि भगवान काल भैरव को काशी का कोतवाल क्यों कहा जाता है और उनकी पूजा करने पर किन पुण्यफलों की प्राप्ति होती है.

कब और किसने बनाया काशी का कोतवाल?

हिंदू मान्यता के अनुसार एक बार त्रिदेव यानि भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव में कौन सर्वश्रेष्ठ है, इस बात को लेकर चर्चा चली. इस चर्चा में जब ब्रह्मा जी के पांचवे मुख ने शिव जी का अपमान कर दिया तो उन्हें क्रोध आ गया और उसी क्रोध की अग्नि से भगवान काल भैरव का प्राकट्य हुआ और उन्होंने उसी क्षण अपने नाखून से ब्रह्मा जी के पांचवें मुख को काट दिया, लेकिन उसी क्षण उन्हें ब्रह्म हत्या का पाप भी लग गया, जिसके कारण ब्रह्मा जी का सिर उनके हाथ से चिपक गया.

तब महादेव ने भगवान काल भैरव से कहा कि इस पाप से मुक्ति के लिए आपको तीनों लोकों का भ्रमण करना होगा, तभी ब्रह्महत्या से आपको मुक्ति मिलेगी. मान्यता है कि जब भगवान भैरव तीनों लोकों का भ्रमण करते हुए काशी पहुंचे तो उनके हाथ से ब्रह्मा जी का सिर अलग हो गया क्यों वहां पर ब्रह्म हत्या का प्रवेश नहीं हो सकता था. इसके बाद महादेव ने भगवान काल भैरव को काशी का कोतवाल बना दिया.

काल भैरव की पूजा के 5 बड़े लाभ

  1. भगवान भैरव की साधना से शनि, राहु और केतु संबंधी कष्टों से मुक्ति मिलती है.
  2. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान भैरव की पूजा से सभी प्रकार के क्लेश और कष्ट कट जाते हैं.
  3. हिंदू मान्यता के अनुसार काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भरव की पूजा करने वालों को भूत-प्रेत आदि की बाधा या फिर कहें नकारात्मक ऊर्जा से किसी प्रकार का खतरा नहीं रहता है.
  4. भगवान भैरव की पूजा में मिलने वाले गंडा प्रसाद को यदि किसी बच्चे की बांह में बांध दिया जाता है तो उसे किसी भी प्रकार का भय नहीं लगता है.
  5. मान्यता है कि जो व्यक्ति भगवान काल भैरव की विधि-विधान से पूजा करता है, उसके भीतर आत्मविश्वास और सास में वृद्धि होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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