Jaya ekadashi upay : साल की 24 एकादशियों (Ekadashi Vrat) को भगवान विष्णु की प्रिय तिथियां कहा गया है. मान्यता है कि एकादशी तिथि (Ekadashi 2022) भगवान विष्णु से ही उत्पन्न हुई है इसलिए इसे साल की सभी तिथियों में सर्वश्रेष्ठ होने का वरदान प्राप्त है. इन्हीं में से एक है जया एकादशी (jaya ekadashi). माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है और इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत और पूजा पाठ किया जाता है. इस बार जया एकादशी का व्रत 1 फरवरी यानी बुधवार को पड़ रहा है.
ऐसी मान्यता है कि जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से ना केवल पिशाच योनि से मुक्ति मिलती है बल्कि इस दिन रखा गया व्रत अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल देता है. चलिए जानते हैं कुछ उपाय जिन्हें जया एकादशी के दिन करने से जातक को श्री हरि नारायण की कृपा प्राप्त होती है.
ऐसा माना जाता है कि जया एकादशी के दिन जरूरतमंदों को किया गया दान आने वाली कई पीढ़ियों को लाभ पहुंचाता है. इस दिन व्रत करने वाले जातक को अन्न, जल, मीठा, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए.
तुलसी का पौधा लगाएं
भगवान विष्णु को वृंदा यानी तुलसी बहुत प्रिय है. माना जाता है कि एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाने पर भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जातक के जीवन में सुख समृद्धि का वरदान देते हैं. इस दिन उत्तर की दिशा में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी पूजा करें.
भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें
इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करनी चाहिए. सुबह के समय भगवान विष्णु को जलाभिषेक करके उनको पीले वस्त्र पहनाएं, पीले रंग के फूल अर्पित करें, पंचामृत अर्पित करें, तुलसी दल अर्पित करें, मीठे में पान सुपारी, लौंग इलायची और मखाने की खीर का भोग लगाकर उनकी आरती करें. इसके बाद विष्णु चालीसा का पाठ करें और मां लक्ष्मी की भी पूजा करें. ऐसी मान्यता है कि इससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु मोक्ष का आशीर्वाद देते हैं.
एकादशी के नियमों का पालन करें
कहते हैं कि एकादशी के लिए खास नियमों का पालन इस दिन जरूर करना चाहिए. जैसे कि चावल, बैंगन, मूली, लहसुन, प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन रात्रि में सोने की बजाय भजन करना चाहिए. अपशब्द नहीं बोलने चाहिए.
न तोड़ें तुलसी या किसी पेड़ का पत्ता
इस दिन तुलसी की विशेष पूजा करनी चाहिए, माना जाता है कि इससे भगवान श्री हरि प्रसन्न होते हैं. इस दिन तुलसी दल के पत्ते भगवान को जरूर अर्पित करें. लेकिन तुलसी के पत्ते एक दिन पहले ही पहले ही तोड़ लेने चाहिए. एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना निषेध कहा जाता है. इस दिन दूसरे फूल और पेड़ों के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)