Krishna Janmashtami Vrat 2025 Benefits: सनातन परंपरा में पूर्णावतार भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) की साधना अत्यंत ही शुभ और शीघ्र ही फलदायी मानी गई है. हिंदू मान्यता के अनुसार श्री कृष्ण की पूजा के लिए जन्माष्टमी का व्रत सबसे ज्यादा शुभ माना गया है. इसे सभी व्रतों का राजा भी कहा गया है. मान्यता है कि जन्माष्टमी व्रत के शुभ फल साधक की कई पीढ़ियों को प्राप्त होते हैं. जन्माष्टमी का व्रत सभी प्रकार के सुखों का दाता माना गया है.
इस साल जन्माष्टमी का व्रत स्मार्त 15 अगस्त 2025 को रखेंगे, जबकि वैष्णव (Vaishnav) परंपरा से दीक्षित कान्हा की भक्ति में हर समय लीन रहने वाले उनके अनुयायी 16 अगस्त 2025 को इस व्रत को विधि-विधान से रखेंगे. आइए सभी संकटों को दूर करके सुख-सौभाग्य दिलाने वाले जन्माष्टमी व्रत (Janmashtami Vrat ke labh) के लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं.
पाप से मुक्ति और अक्षय पुण्य दिलाता है जन्माष्टमी का व्रत
हिंदू मान्यता (Hindu Belief) के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी को पड़ने वाले जन्माष्टमी व्रत को करने पर व्यक्ति के कई जन्मों के पाप कर्म दूर हो जाते हैं और उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. जो कोई इस व्रत को विधि-विधान से और पूरी आस्था के साथ करता है उसे अश्वमेघ यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है. इस व्रत के पुण्य (Punya) प्रताप से व्यक्ति सभी सुखों को भोगता हुआ अंत में वैकुंठ लोक को प्राप्त होता है. आइए अनंत सुख और सौभाग्य प्रदान करने वाले जन्माष्टमी व्रत के अन्य बड़े लाभ के बारे में जानते हैं
श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के बड़े लाभ
- हिंदू मान्यता के अनुसार विधि-विधान से जन्माष्टमी का व्रत रखने पर कृष्ण भक्त के सभी दु:ख दूर और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
- जिन लोगों को संतान की कामना होती है, उनके लिए जन्माष्टमी वरदान से कम नहीं होता है. इस व्रत के दिन यदि कोई दंपत्ति संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करता है तो उसकी सूनी गोद शीघ्र ही भरती है और उसे संतान सुख की प्राप्ति होती है.
- मनचाहे जीवनसाथी की कामना के लिए भी जन्माष्टमी का व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से व्रत करने पर युवतियों को मनचाहा वर और युवक को मनचाही वधू प्राप्त होती है.
- इस व्रत के पुण्य प्रताप से प्रेम संबंध प्रगाढ़ होता है. परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य बना रहता है.
- जन्माष्टमी का व्रत करने पर कृष्ण भक्त को कई करोड़ एकादशी का पुण्य प्राप्त होता है.
- कान्हा की कृपा बरसते ही करियर-कारोबार में आ रही अड़चनें दूर होती हैं और मनचाही सफलता और लाभ प्राप्त होता है.
- जन्माष्टमी का व्रत करने से व्यक्ति की आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और उसे धन-धान्य और मान-सम्मान प्राप्त होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)