Krishna Janmashtami 2022: भगवान श्री कृष्ण के ये 108 नाम हैं बेहद खास, जन्माष्टमी पर जरूर पढ़ें

Krishna Janmashtami 2022: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव 19 अगस्त को यानी आज मनाया जा रहा है. ऐसे में भक्त श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करेंगे. जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के 108 नामों के श्रद्धापूर्वक जाप करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है.

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Krishna Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण के 108 नामों का जाप करना शुभ माना गया है.

Krishna Janmashtami 2022 krishna 108 Names: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आज यानी 19 अगस्त को धूमधाम के मनाई जा रही है. धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. जन्माष्टमी के दिन भक्त पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ कान्हा जी की पूजा करते है. इसके साथ ही इस दिन व्रत भी रखा जाता है. मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के 108 नामों का जाप करने से प्रभु बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं. साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से भक्तों के सारे काम बन जाते हैं. ऐेसे अगर आप भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मना रहे हैं तो श्रीकृष्ण के 108 नामों का जाप जरूर करें. आइए जानते हैं श्रीकृष्ण के 108 नाम (shri krishna ke 108 naam​). 


1. कृष्ण, 2. कमलनाथ, 3. वासुदेव, 4. सनातन, 5. वसुदेवात्मज, 6. पुण्य, 7. लीलामानुष विग्रह, 8. श्रीवत्स कौस्तुभधराय, 9. यशोदावत्सल, 10. हरि, 11. चतुर्भुजात्त चक्रासिगदा, 12. सङ्खाम्बुजा युदायुजाय, 13. देवाकीनन्दन, 14. श्रीशाय, 15. नन्दगोप प्रियात्मज, 16. यमुनावेगा संहार, 17. बलभद्र प्रियनुज, 18. पूतना जीवित हर, 19. शकटासुर भंजन, 20. नन्दव्रज जनानन्दिन, 21. सच्चिदानन्दविग्रह, 22. नवनीत विलिप्तांग, 23. नवनीतनटन, 24. मुचुकुन्द प्रसादक, 25. षोडशस्त्री सहस्रेश, 26. त्रिभंगी, 27. मधुराकृत, 28. शुकवागमृताब्दीन्दवे, 29. गोविन्द, 30. योगीपति, 31. वत्सवाटि चराय, 32. अनन्त, 33. धेनुकासुरभञ्जनाय, 34. तृणी-कृत-तृणावर्ताय, 35. यमलार्जुन भञ्जन, 36. उत्तलोत्तालभेत्रे, 37. तमाल श्यामल कृता, 38. गोप गोपीश्वर, 39. योगी, 40. कोटिसूर्य समप्रभा, 41. इलापति, 42. परंज्योतिष, 43. यादवेंद्र, 44. यदूद्वहाय, 45. वनमालिने, 46. पीतवससे, 47. पारिजातापहारकाय, 48. गोवर्थनाचलोद्धर्त्रे, 49. गोपाल, 50. सर्वपालकाय, 51. अजाय, 52. निरञ्जन, 53. कामजनक, 54. कञ्जलोचनाय, 55. मधुघ्ने, 56. मथुरानाथ, 57. द्वारकानायक, 58. बलि, 59. बृन्दावनान्त सञ्चारिणे, 60. तुलसीदाम भूषनाय, 61. स्यमन्तकमणेर्हर्त्रे, 62. नरनारयणात्मकाय, 63. कुब्जा कृष्णाम्बरधराय, 64. मायिने, 65. परमपुरुष, 66. मुष्टिकासुर चाणूर मल्लयुद्ध विशारदाय, 67. संसारवैरी, 68. कंसारिर, 69. मुरारी, 70. नाराकान्तक, 71. अनादि ब्रह्मचारिक, 72. कृष्णाव्यसन कर्शक, 73. शिशुपालशिरश्छेत्त, 74. दुर्यॊधनकुलान्तकृत, 75. विदुराक्रूर वरद, 76. विश्वरूपप्रदर्शक, 77. सत्यवाचे, 78. सत्य सङ्कल्प, 79. सत्यभामारता, 80. जयी, 81. सुभद्रा पूर्वज, 82. विष्णु, 83. भीष्ममुक्ति प्रदायक, 84. जगद्गुरू, 85. जगन्नाथ, 86. वेणुनाद विशारद, 87. वृषभासुर विध्वंसि, 88. बाणासुर करान्तकृत, 89. युधिष्ठिर प्रतिष्ठात्रे, 90. बर्हिबर्हावतंसक, 91. पार्थसारथी, 92. अव्यक्त, 93. गीतामृत महोदधी, 94. कालीयफणिमाणिक्य रञ्जित श्रीपदाम्बुज, 95. दामोदर, 96. यज्ञभोक्त, 97. दानवेन्द्र विनाशक, 98. नारायण, 99. परब्रह्म, 100. पन्नगाशन वाहन, 101. जलक्रीडा समासक्त गोपीवस्त्रापहाराक, 102. पुण्य श्लोक, 103. तीर्थकरा, 104. वेदवेद्या, 105. दयानिधि, 106. सर्वभूतात्मका, 107. सर्वग्रहरुपी, 108. परात्पराय

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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