Coconut: हिंदू धर्म में नारियल को पवित्र फल (Holy Fruit) माना जाता है. यही वजह है कि इसका इस्तेमाल अमूमन हर पूजा-पाठ (Puja Path) के दौरान किया जाता है. गृह प्रवेश (Griha Pravesh) से लेकर हवन (Havan) तक के शुभ कार्यों में नारियल (Coconut) का प्रयोग किया जाता है. इसके अलावा अन्य किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नारियल फोड़कर की जाती है. आखिर हर शुभ कार्य के पहले नारियल क्यों फोड़ा जाता है और इसे फोड़ने के पीछे क्या कारण है, इसके बारे में धार्मिक मान्यता क्या है. इसे जानते हैं.
मान्यतानुसार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी से है संबंध
धार्मिक मान्यता के अनुसार, एक बार मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु पृथ्वी पर आए तो उन्होंने अपने साथ नारियल का पेड़ लाए. माना जाता है कि नारियल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. वहीं नारियल को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. यही वजह है कि इसे श्रीफल कहा जाता है. माना जाता है कि जहां नारियल होता है, वहां मां लक्ष्मी का वास होता है. दक्षिण भारत में आज भी लोग अपने घर के दरवाजे पर रोजाना नारियल फोड़ते हैं और कामना करते हैं कि उनका परिवार खुशहाल रहे.
क्यों फोड़ते हैं नारियल
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, नारियल भगवान को प्रसन्न करने के लिए फोड़ा जाता है. कहा जाता है कि नारियल इंसान के आंतरिक और बाहर के मन को दर्शाता है. ऐसे में नारियल फोड़ने के मतलब होता है कि व्यक्ति अपने अहंकार को खत्म कर खुद को भगवान के चरणों में समर्पित कर दिया है.
बलि के तौर फोड़ा जाता है नारियल
मान्यता है कि किसी भी शुभ कार्य में नारियल फोड़ने की परंपरा पशु-बलि प्रथा को रोकने के लिए भी की गई है. माना जाता है कि नारियल को फोड़कर उसका जल घर में छिड़कने से घर की निगेटिव एनर्जी खत्म हो जाती है.
माना जाता है पवित्र फल
नारियल के बिना पूजा-पाठ और यज्ञ-हवन इत्यादि अधूरे माने जाते हैं. नारियल को पवित्र माना जाता है, इसलिए इसे देवी-देवताओं को समर्पित किया जाता है. इसके अवावा नारियल को धन-वैभव और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)