Guru Purnima 2021: जानें किस योग में मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा, क्या है पूजा विधि

guru purnima : शनिवार 24 जुलाई को इस साल गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. Guru purnima 2021 इस साल खास है क्योंकि ये दिन इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत काल में मनाई जाएगी. गुरु पूर्णिमा पर प्रीति योग भी रहेगा.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
गुरु पूर्णिमा 2021 : भारत मे बहुत श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है.
नई दिल्‍ली:

guru purnima 2021 : देशभर में गुरु पूर्णिमा धूमधाम से मनाया जाता है.  इस मौके पर शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं. शनिवार 24 जुलाई को इस साल गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. Guru purnima 2021 इस साल खास है क्योंकि ये दिन इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत काल में मनाई जाएगी. गुरु पूर्णिमा पर प्रीति योग भी रहेगा. शनिवार को ही सत्यनारायण भगवान का व्रत रखा जाएगा. हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु का विशेष महत्व होता है. इस साल पूर्णिमा तिथि की शुरुआत शुक्रवार 23 जुलाई को सुबह 10:44 से शनिवार 24 जुलाई सुबह 8:07 तक रहेगी.  गुरु पूर्णिमा एक ऐसा पर्व है जो भारत मे बहुत श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है. धर्म और शास्त्रों में गुरु का सबसे ऊंचा महत्व बताया गया है. गुरु को भगवान से भी ज्यादा ऊंचा माना गया है क्योंकि वो गुरु ही हैं जो भगवान तक पहुंचने का रास्ता बताते हैं. गुरु पूर्णिमा का दिन सभी गुरुओं को समर्पित है. शिष्य अपने गुरु की इस दिन पूजा करते हैं वहीं जिनके गुरु नहीं है वो अपना नया गुरु इसी दिन बनाते हैं. 

इस साल गुरु guru purnima  हर साल से थोड़ा अलग मनाई जाएगी. कोविड प्रोटोकॉल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इस बार पारंपरिक रूप से गुरु अपने शिष्य के कारण में दीक्षा मंत्र नहीं सुना पाएंगे. ऐसा लगातार दूसरी बार होकर जब गुरू कागज पर लिखकर या वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अपने शिष्यों को गुरु मंत्र देंगे. गुरु का ये मंत्र सदमार्ग और मोक्ष तक पहुंचाता है.पुराणों में कहा गया है कि गुरु ब्रह्मा के समान है और हर व्यक्ति के लिए गुरु बनाना बेहद जरूरी है क्योंकि गुरु अपने शिष्यों को सही रास्ता दिखाते हैं. 

जानिए इस दिन किसकी करें पूजा

गुरु पूर्णिमा के दिन कई मंदिरों और घरों में पर गुरुओं की पूजा की जाती है. मान्यता के मुताबिक गुरु पूर्णिमा के दिन से ही वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है और आषाढ़ मास समाप्त होता है. कई सालों से इस दिन गुरु की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है. प्राचीनकाल में जब शिष्य गुरु के आश्रम में निशुल्क शिक्षा ग्रहण करने जाते थे, तो इसी दिन वो श्रद्धाभाव के साथ अपने गुरु की पूजा किया करते थे और उन्हें अपनी शक्ति के अनुसार दक्षिणा देते थे. तब से ही गुरु दक्षिणा की परंपरा चली आ रही है. सच ही कहा जाता है कि गुरु के बिना ज्ञान की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. गुरु पूर्णिमा पर लोग अपने गुरुओं को दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद लेते हैं. गुरु पूर्णिमा के दिन वो लोग भी अपने गुरुओं के चरण पादुका की पूजा करते हैं जिनके गुरु अब इस दुनिया में नहीं रहे.

Advertisement

गुरु पूर्णिमा के दिन पूजा की विधि 

इस दिन प्रात: जल्दी उठकर स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद घर के पूजाघर में लकड़ी की चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर लें और उस पर 12-12 रेखाएं बनाकर व्यास पीठ बनाएं. इसके बाद गुरु का मंत्र जाप करें और फिर गुरु की प्रतिमा पर कुमकुम, अबीर, गुलाल लगाकर पूजा करें, मिठाई सूखे मेवे और पंचामृत का भोग लगाएं. अगर आपके गुरु आपके सामने हैं तो सबसे पहले उनके चरण धोएं और फिर उन्हें तिलक लगाकर फूल अर्पण करें. इस दिन अपने गुरु को भोजन कराएं और पैर छूकर उन्हें गुरु दक्षिणा दें.

Advertisement
Featured Video Of The Day
US Election 2024: Florida में 42% वोटों की गिनती पूरी, Donald Trump को 52%, Kamala Harris को 47% वोट