Guru Gochar 2026: नये साल में किस राशि का गुरु बढ़ाएंगे गुडलक और गजकेसरी योग से कौन होगा मालामाल?

Guru Gochar 2026 effect on 12 zodiac sign: ज्योतिष में जिस ग्रह को देवताओं का गुरु माना जाता है, वो साल 2026 में कब-कब गोचर करेंगे? देवगुरु बृहस्पति के गोचर से किन राशियों का गुडलक बढ़ेगा और किन राशियों को रहना होगा सावधान? नये साल में गुरु के गोचर का मेष से लेकर मीन राशि तक सभी 12 राशियों पर कैसा पड़ेगा प्रभाव, जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

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Guru Gochar 2026: गुरु गोचर 2026 का मेष से लेकर मीन तक सभी 12 राशियों पर प्रभाव
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Jupiter Transit 2026 effects on 12 zodiac sign: वैदिक ज्योतिष में गुरु को ज्ञान, धर्म, नीति, भाग्य, विस्तार, संतान, धन, शिक्षा, न्याय और ईश्वर कृपा का कारक माना गया है. किसी भी जातक की कुंडली में बृहस्पति की स्थिति ही जीवन की दिशा तय करती है. यानि वह भविष्य में सही मार्ग पर आगे बढ़ेगा या भ्रम में रहेगा. ज्योतिष के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में गुरु बलवान होता है, उन्हें संघर्ष के बाद भी संरक्षण, मार्गदर्शन और अवसर अवश्य मिलते हैं, लेकिन बृहस्पति के कमजोर होने पर व्यक्ति गलत निर्णय, आर्थिक अस्थिरता और नैतिक विचलन की ओर जा सकता है. आइए जानी-मानी ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद डॉ. नीति शर्मा से जानते हैं कि साल 2026 में गुरु ग्रह कब-कब बदलेंगे और उसका 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा. 

साल 2026 में कब बदलेंगे बृहस्पति?

साल 2026 में देवगुरु बृहस्पति देव दो बार राशि परिवर्तन करेंगे, जिससे कई राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलेगा. 2 जून को बृहस्पति मिथुन से कर्क राशि में गोचर करेंगे, और फिर 31 अक्टूबर को कर्क से सिंह राशि में प्रवेश करेंगे. इस गोचर से वृषभ, कन्या, कर्क और तुला राशि वालों को करियर और कारोबार में सफलता मिलेगी तथा बिगड़े काम बनेंगे.

साल 2026 में कुछ ऐसी रहेगी गुरु की चाल

  • ज्योतिष के अनुसार साल 2026 गुरु के दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस वर्ष गुरु वक्री, मार्गी, उच्च राशि प्रवेश, अस्त-उदय और पुनः वक्री-सभी अवस्थाओं से गुजरेंगे. साल 2026 के प्रारंभ में (5 दिसंबर 2025 से) गुरु मिथुन राशि में वक्री अवस्था में रहेंगे. यह समय आत्ममंथन, अधूरे कार्यों की समीक्षा और ज्ञान के पुनर्संयोजन का होगा.
  • 11 मार्च 2026 को गुरु मिथुन में ही मार्गी होंगे, जिससे शिक्षा, संचार, मीडिया, लेखन, कंसल्टिंग और व्यापार से जुड़े लोगों को गति मिलेगी.
  • 2 जून 2026 को गुरु अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश करेंगे-यह पूरे वर्ष का सबसे शक्तिशाली और शुभ चरण माना जाएगा. यहां गुरु भावनात्मक बुद्धि, करुणा, पारिवारिक सुख और आर्थिक स्थिरता को बढ़ाते हैं. इसी अवधि में गजकेसरी योग की संभावनाएं बनेंगी, जो राजयोगों में श्रेष्ठ माना जाता है.
  • हालांकि, 14 जुलाई से 12 अगस्त 2026 के बीच गुरु कर्क राशि में अस्त रहेंगे. यह समय बाहरी सफलता की तुलना में आंतरिक तैयारी का होगा. 12 अगस्त के बाद गुरु का उदय फिर से शुभ फल देना शुरू करेगा.
  • 31 अक्टूबर 2026 को गुरु कर्क से सिंह राशि में प्रवेश करेंगे, जहां नेतृत्व, राजनीति, प्रशासन, उच्च पद और प्रतिष्ठा से जुड़े मामलों में प्रभाव बढ़ेगा, लेकिन 12 दिसंबर 2026 को गुरु सिंह में ही वक्री हो जाएंगे, जिससे अहंकार, सत्ता संघर्ष और गलत सलाह से बचने की आवश्यकता होगी.

तब दिखेगा गजकेसरी योग का प्रभाव (जून–अक्टूबर 2026)

ज्योतिष के अनुसार जब गुरु और चंद्रमा केंद्र या त्रिकोण में आते हैं, तब गजकेसरी योग बनता है. यह योग व्यक्ति को धन-संपत्ति, सामाजिक प्रतिष्ठा, राजनीतिक/प्रशासनिक सफलता, बौद्धिक सम्मान, मानसिक स्थिरतादेने में सक्षम होता है. जून से अक्टूबर 2026 में बनने वाला यह गजकेसरी योग विशेष रूप से मीडिया, शिक्षा, न्याय, धर्म, काउंसलिंग, राजनीति और सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों के लिए यह समय करियर का टर्निंग पॉइंट बन सकता है.

साल 2026 में 12 राशियों पर कुछ ऐसा पड़ेगा गुरु का प्रभाव

मेष राशि

2026 मेष जातकों के लिए गुरु आत्मविश्वास और आर्थिक विस्तार लाएंगे. जून से अक्टूबर के बीच संपत्ति, वाहन, घर या पारिवारिक सुख में वृद्धि संभव है.
सावधानी: जुलाई–अगस्त में भावनात्मक निर्णय न लें.
उपाय: गुरुवार को पीले वस्त्र धारण करें, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.

वृषभ राशि

शिक्षा, संचार और नेटवर्किंग के माध्यम से लाभ मिलेगा. भाई-बहनों से सहयोग बढ़ेगा.
सावधानी: अनावश्यक खर्च और कानूनी विवाद से बचें.
उपाय: गुरु मंत्र 'ॐ बृं बृहस्पतये नमः' का जप.

मिथुन राशि

मार्च 2026 के बाद भाग्य खुलता दिखेगा. करियर में नई दिशा, प्रमोशन या बड़ा अवसर मिल सकता है.
सावधानी: गुरु अस्त के समय जल्दबाज़ी न करें.
उपाय: पीली दाल या हल्दी का दान करें.

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कर्क राशि
यह वर्ष कर्क राशि के लिए जीवन बदलने वाला हो सकता है. गुरु उच्च होकर आत्मबल, मान-सम्मान और आर्थिक स्थिरता देंगे.
सावधानी: अहंकार और भावुकता से बचें.
उपाय: गाय को चारा खिलाएं और बृहस्पतिवार का व्रत रखें.

सिंह राशि

अक्टूबर के बाद गुरु सिंह में आकर नेतृत्व और सत्ता का योग बनाएंगे. राजनीति, प्रशासन और उच्च पद के लिए शुभ समय.
सावधानी: दिसंबर से गुरु वक्री-गलत सलाह से दूर रहें.
उपाय: केसर का तिलक लगाएं तथा सूर्य-गुरु दोनों को मजबूत करें.

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कन्या राशि

करियर में धीरे-धीरे स्थिरता आएगी. विदेश या उच्च शिक्षा के योग बन सकते हैं.
सावधानी: स्वास्थ्य और तनाव पर ध्यान दें.
उपाय: केले के वृक्ष की पूजा करें.

तुला राशि

भाग्य का साथ मिलेगा, विशेषकर जून के बाद. धार्मिक यात्राएँ और कानूनी मामलों में राहत.
सावधानी: साझेदारी में स्पष्टता रखें.
उपाय: गुरु-शुक्र संतुलन हेतु सफेद व पीले दान.

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वृश्चिक राशि

गूढ़ विषयों, रिसर्च और आध्यात्म में रुचि बढ़ेगी. पैतृक धन या बीमा से लाभ.
सावधानी: जोखिम भरे निवेश से बचें.
उपाय: पीपल में जल चढ़ाएं.

धनु राशि

गुरु आपकी राशि के स्वामी हैं-रिश्तों, विवाह और साझेदारी में महत्वपूर्ण निर्णय होंगे.
सावधानी: अपेक्षाएँ यथार्थ रखें.
उपाय: भगवान विष्णु की पूजा और गुरुवार के दिन उपवास रखें.

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मकर राशि

कार्यस्थल पर जिम्मेदारी बढ़ेगी. जून के बाद ऋण या विवाद से राहत.
सावधानी: गुरु अस्त में स्वास्थ्य उपेक्षा न करें.
उपाय: पीले वस्त्र, सेवा कार्य में बढ़चढ़ कर हिस्सा लें.

कुंभ राशि

प्रेम, संतान और रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता. शेयर बाजार या कला से लाभ.
सावधानी: सट्टा सीमित रखें.
उपाय: गुरु बीज मंत्र जप.

मीन राशि

घर, भूमि और मानसिक शांति में वृद्धि. पारिवारिक विवाद सुलझ सकते हैं.
सावधानी: भावुक निर्णय न लें.
उपाय: जल में हल्दी डालकर स्नान करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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