साल में चार बार नवरात्रि पड़ती हैं. इनमें से दो गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) होती हैं और दो प्रत्यक्ष नवरात्रि होती हैं. साल 2022 की पहली नवरात्रि 2 फरवरी यानि आज से शुरू हो रही हैं. चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा (Maa Durga Puja) के नौ स्वरूप मां शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री की पूजा होती है. वहीं गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्या देवियां तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी की भी गुप्त तरीके से पूजा-उपासना की जाती है. कहते हैं कि गुप्त नवरात्रि में खास इच्छापूर्ति और सिद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं. आइए जानते हैं कि गुप्त नवरात्रि में महाविद्याओं की आराधना करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
गुप्त नवरात्रि में करते हैं 10 महाविद्याओं की पूजा | Worship 10 Mahavidyas In Gupt Navratri
कहते हैं कि गुप्त नवरात्रि में शक्ति की साधना को अत्यंत ही गोपनीय रूप से किया जाता है. गुप्त नवरात्रि में खास इच्छापूर्ति और सिद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं. गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. इसमें मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मातंगी, कमला देवी की पूजा का विधान है. कहते हैं कि गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक महाविद्याओं को भी सिद्ध करने के लिए मां दुर्गा की उपासना की जाती है.
इन बातों का रखें ध्यान | Keep These Things In Mind
गुप्त नवरात्रि के दौरान पूजा करते समय विशेष बातों का ध्यान रखा चाहिए.
सुबह और शाम नियमित रूप से मां दुर्गा की पूजा करें. कोशिश करें कि इन 9 दिनों के दौरान किसी को बिना बताए गुप्त रूप से 9 दिन तक सुबह-शाम मां की पूजा करें.
इन गुप्त नवरात्रि में घट स्थापना की जाती है. इस बार घटस्थापना करने का शुभ मुहूर्त 2 फरवरी 2022, बुधवार को सुबह 07:10 से 08:02 बजे तक है.
मां को लौंग और बताशे का भोग लगाया जाता है.
माता को श्रृंगार अर्पित किया जाता है.
गुप्त नवरात्रों में गुप्त रूप से मां दुर्गा और उनके रूपों की पूजा की जाती है.
गुप्त नवरात्रि पूजा का उपाय
मान्यता है कि माघ मास की गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के रूपों की नौ दिनों तक पूरी श्रद्धा और विश्वास से पूजा करने से माता की कृपा प्राप्त की जा सकती है. इन दिनों माता के पूजन के समय दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ माना जाता है. कहते हैं ऐसा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. भक्त चाहें तो दुर्गा सप्तशती के अलावा सिद्ध कुंजिकास्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं, कहते हैं ये देवी को प्रसन्न करने का अत्यंत सरल और प्रभावी उपाय है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)