Gupt Navratri 2024 : गुप्त नवरात्रि में माता रानी को लगाएं उनका प्रिय भोग, प्रनन्न होंगी मां, सुख-समृद्धि का देंगी आशीर्वाद

Navratri festival 2024 : ज्योतिष के अनुसार, साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है. इसमें से एक आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि है. इसमें तांत्रिक साधना की जाती है. आम लोग भी इस दौरान माता की आराधना करते हैं. पूजा पाठ के साथ मां को भोग लगाते हैं.

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Gupt Navratri 2024 : शनिवार, 6 जुलाई से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. 9 दिनों तक माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी. इस दौरान भोग का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में अलग-अलग दिन मां को उनका प्रिय भोग लगाने से हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं. दरअसल, ज्योतिष के अनुसार, साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है. इसमें से एक आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि है. इसमें तांत्रिक साधना की जाती है. आम लोग भी इस दौरान माता की आराधना करते हैं. पूजा पाठ के साथ मां को भोग लगाते हैं. ऐसे में यहां जानिए किस दिन कौन सा भोग माता रानी को चढ़ाना चाहिए...

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गुप्त नवरात्रि में 9 दिन माता रानी के प्रिय भोग

पहला दिन- मां शैलपुत्री की पूजा होती है लेकिन तांत्रिक साधना के लिए भक्त मां काली की पूजा करते हैं. उन्हें घी से बनी मिठाई का भोग लगाना शुभ माना जाता है.

दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है लेकिन तांत्रिक साधना के लिए मां तारा की आराधना की जाती है. माता रानी को दूध वाली मिठाई का भोग लगाना शुभ माना जाता है.

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तीसरा दिन-  मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना होती है लेकिन तांत्रिक साधना के लिए त्रिपुरा सुंदरी की भक्त पूजा करते हैं. इस दिन पंचामृत का भोग लगाया जाता है.

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चौथा दिन- कुष्मांडा देवी की पूजा भक्त करते हैं लेकिन तांत्रिक साधना में भुनेश्वरी देवी की पूजा की जाती है. उन्हें मालपुआ का भोग लगाया जाता है.

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पांचवां दिन- इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है लेकिन तांत्रिक साधना करने वाले भक्त मां छिन्नमस्तिका की आराधना करते हैं. उन्हें केला का भोग लगाया जाता है.

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छठवां दिन- मां कात्यायनी देवी की पूजा-अर्चना होती है लेकिन तांत्रिक साधना के लिए माता त्रिपुरा देवी की भक्त पूजा करते हैं. इस दिन गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है.

सातवां दिन- मां कालरात्रि की पूजा होती है लेकिन तांत्रिक साधना में माता धूमावती देवी की आराधना होती है. उन्हें मीठे पानी का भोग लगाया जाता है.

आठवां दिन- महागौरी माता की पूजा होती है लेकिन तांत्रिक साधना के लिए माता बगलामुखी देवी की पूजा होती है. उन्हें नारियल के लड्डू का भोग अतिप्रिय है.

नौवां दिन- सिद्धिदात्री देवी की पूजा होती है लेकिन तांत्रिक साधना के लिए मातंगी देवी की भक्त आराधना करते हैं. मां को केसर का भोग प्रिय है.

नवरात्रि का अंतिम दिन- माता कमला की भक्त पूजा करते हैं. उन्हें खीर, पूरी, हलवा का भोग चढ़ाया जाता है.

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