Gudi Padwa 2022: इस वर्ष गुड़ी पड़वा पर शुभ योग माना जा रहा है, जानें इसकी तिथि, समय और महत्व 

Gudi Padwa: हिन्दू धर्म में गुड़ी पड़वा की विशेष मान्यता है. इस वर्ष गुड़ी पड़वा पर खास योग बनते माने जा रहे हैं. आप भी जानिए.

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Gudi Padwa: गुड़ी पड़वा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है.
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हिन्दू धर्म में गुड़ी पड़वा की विशेष मान्यता है.
इसे सनातन धर्म में नववर्ष की शुरुआत भी माना जाता है.
इस वर्ष गुड़ी पड़वा पर विशेष योग बन रहे हैं.

Gudi Padwa: हिन्दू धर्म में गुड़ी पड़वा का खास महत्व है. इस पर्व को मनाने के पीछे कई अलग-अलग मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. इस पर्व को सनातन धर्म में नव वर्ष की शुरुआत भी माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन से ही ब्रह्मा ने सृष्टि बनाई थी. प्रतिवर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गुड़ी पड़वा मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार इस वर्ष  गुड़ी पड़वा 2 अप्रैल के दिन मनाया जाएगा. गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) को पौराणिक कथाओं में सतयुग की शुरुआत भी माना जाता है.


गुड़ी पड़वा 2022 का शुभ मुहूर्त | Gudi Padwa 2022 Shubh Muhurt 

मान्यताओं के अनुसार, वह गुड़ी पड़वा का ही दिन था जब श्रीराम ने वानरराज बालि का वध किया था. इस चलते इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है. इस वर्ष गुड़ी पड़वा 2 अप्रैल यानि चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri)  के पहले दिन मनाया जाना है, जबकि 1 अप्रैल, शुक्रवार के दिन 11 बजकर 53 मिनट से ही चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत हो रही है. लेकिन, इसका शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल, शनिवार को 11 बजकर 58 मिनट तक है जिस चलते इसे 2 अप्रैल के दिन ही मनाया जाना है. 

गुड़ी पड़वा पर खास योग 

इस वर्ष गुड़ी पड़वा के दिन खास योग बताया जा रहा है. ज्योतिषी के अनुसार इस गुड़ी पड़वा पर अमृत सिद्ध योग, इंद्र योग और सर्वाद्ध सिद्ध योग बन रहा है.  

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अमृत सिद्ध योग और सर्वाद्ध सिद्ध योग (Sarvaddh Siddh Yog) का समय - मान्यतानुसार 1 अप्रैल के दिन सुबह 10 बजकर 40 मिनट से अगले दिन 2 अप्रैल सुबह 6 बजकर 10 मिनट तक ये दो शुभ योग बन रहे हैं. 

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इंद्र योग का समय - 2 अप्रैल के दिन सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक इंद्र योग का समय माना जा रहा है. 

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नक्षत्र का समय - गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के दिन रेवती नक्षत्र का समय 11 बजकर 21 मिनट तक है और उसके बाद अश्विनी नक्षत्र की शुरुआत मानी जा रही है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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