Gopashtami 2025: गोपाष्टमी क्यों मनाई जाती है? जानें गोपूजा से जुड़े इस महापर्व की कथा और उपाय

Gopashtami 2025 Story and remedies: हिंदू धर्म में जिस गाय को माता के समान पूजा जाता है, उससे जुड़ा गोपाष्टमी का पर्व क्यों मनाया जाता है? गोपाष्टमी की पूजा का भगवान श्रीकृष्ण से क्या संबंध है? इस महापर्व से जुड़ी कथा और महाउपाय को जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Gopashtami 2025: गोपाष्टमी की कथा और पूजा का महाउपाय
NDTV

Gopashtami 2025 Katha aur puja ka upay: सनातन परंपरा गाय को अत्यंत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है. जिस गाय के शरीर में 33 कोटि देवी-देवता के वास होने की मान्यता है, उससे जुड़ा गोपाष्टमी का पावन पर्व हर साल कार्तिक मास की अष्टमी तिथि पर ही क्यों मनाया जाता है? गोपाष्टमी पूजा का क्या धार्मिक महत्व है? इस दिन गोमाता की किस प्रकार पूजा करने पर पुण्यफल की प्राप्ति होती है? आइए गोपाष्टमी से जुड़ी पावन कथा, इसका धार्मिक महत्व और इससे जुड़ा सरल सनातनी उपाय जानते हैं.

गोपाष्टमी की पौराणिक कथा

हिंदू मान्यता के अनुसार बाल्यवस्था में जब भगवान श्री कृष्ण ने छठे साल में प्रवेश किया तो उन्होंने यशोदा मैया से गाय चराने की इजाजत मांगी तो उन्होंने इसके लिए नंद बाबा से पूछने के लिए कहा. जब उन्होंने नंद बाब से गाय चराने की इजाजत मांगी तो उन्होंने कहा कि तुम अभी छोटे हो, इसलिए अभी बछड़े ही चराओ, लेकिन कृष्ण भगवान नहीं माने और जिद करने लगे. तब नंद बाबा ने शांडिल्य ऋषि गौ चारण के लिए शुभ मुहूर्त पूछा तो उन्होंने उसी दिन को सबसे उत्तम शुभ मुहूर्त बताया. मान्यता है कि जिस दिन नंद बाबा की आज्ञा पाने के बाद भगवान श्री कृष्ण ने गौ चारण प्रारंभ किया वह कार्तिक मास की अष्टमी तिथि ही थी. तभी से इस पावन दिन को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाने लगा.

गोपाष्टमी पूजा के महाउपाय

  • हिंदू मान्यता के अनुसार गोपाष्टमी के दिन गोमाता की विधि-विधान से पूजा करने पर 33 कोटि देवी-देवता की पूजा का पुण्यफल प्राप्त होता है. ऐसे में इस दिन स्नान-ध्यान करने के बाद गोमाता की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए तथा उन्हें हरा चारा खिलाना चाहिए.
  • ​हिंदू मान्यता के अनुसार गोपाष्टमी के दिन गोमाता को हरा चारा खिलाने से उनका आशीर्वाद और कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है.
  • हिंदू मान्यता के अनुसार गोपाष्टमी के दिन गोशाला में जाकर गोमाता की सेवा और गोशाला की साफ-सफाई आदि करने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है. यदि आप गोपाष्टमी के दिन गोसेवा या गोपूजा विधि-विधान से न कर पाएं तो इसके निमित्त दान करके भी इसका पुण्यफल प्राप्त कर सकते हैं.
  • गोपाष्टमी के दिन गोमाता की पूजा में 'ॐ नमो देव्यै महादेव्यै सुरभ्यै च नमो नमः' मंत्र का अधिक से अधिक जप करें.
  • हिंदू मान्यता के अनुसार गोपाष्टमी के दिन गाय चराने वाले ग्वालों के साथ कुछ दूर तक चलने को शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस उपाय को करने पर सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Kanpur Student Death: 'सपने में आती थीं शैतान आत्माएं..' परेशान होकर 11वीं के छात्र ने की आत्महत्या
Topics mentioned in this article