Ganesh Chaturthi 2022 Chandra Darshan: देश भर में आज गणेश चतुर्थी हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है. इस अवसर पर लोग अपने घरों में गणपति की स्थापना कर रहे हैं और अगले 10 दिनों तक गणेश जी की पूजा-अर्चना करेंगे. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी यानी अनंत चतुर्दशी के दिन गणेशोत्सव का समापन होगा. गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ के आरंभ में सबसे पहले गणेश जी की वंदना की जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करना अशुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन करने से कलंक लगता है. ऐसे में अगर धोखा से भी चंद्रमा के दर्शन हो जाए तो क्या करें, इसके बारे में जानते हैं.
गणेश की पूजा में किया जाता है इन नियमों का पालन
भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए गणेश चतुर्थी को बेहद शुभ माना जाता है. हालांकि इस तिथि पर चंद्रमा को देखने की मनाही होती है. हिंदू धर्म शास्त्रों में इसकी कथा और चंद्र दोष दूर करने के अचूक उपाय बताए गए हैं. गणपति बप्पा की पूजा करते समय कुछ नियमों को विशेष रूप से ध्यान रखना होता है.
कब लगता है कलंक
हिंदू धर्म में भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस तिथि की रात को चंद्र दर्शन करने पर भविष्य में कलंक लगने का भय बना रहता है. ऐसे में इस कलंक से बचने के लिए गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए.
ऐसे दूर होगा चंद्र दोष
अगर गणेश चतुर्थी पर गलती से चंद्रमा के दर्शन हो जाएं तो इसके उपाय किए जा सकते हैं. इस दोष को दूर करने के लिए गणपति की फल-फूल चढ़ाकर पूजा करें. उसके बाद उसे चंद्रमा को दिखाते हुए किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें. भविष्य में लगने वाले कलंक से बचने के लिए नीचे दिए गए मंत्र का पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ पढ़ें.
इस मंत्र का करें जाप
सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत: सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष: स्यमन्तक:
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)