February 2022 Vrat List: 14 से 20 फरवरी के बीच आने वाले हैं ये खास व्रत और त्योहार

फरवरी के तीसरे सप्ताह की शुरुआत कुंभ संक्रांति (Kumbh Sankranti) और प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) से हुई है. सप्ताह में आगे कई खास व्रत और त्योहारों का आगमन होगा. आइए जानते हैं कि ये व्रत एवं त्योहार कब हैं, ताकि आप पहले से ही इन व्रतों और त्योहारों के लिए अपनी तैयारी कर लें.

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February 2022 Vrat List: जानिए फरवरी के तीसरे सप्ताह में आने वाले व्रत और त्योहार
नई दिल्ली:

फरवरी 2022 माह के तीसरे सप्ताह की शुरुआत हो चुकी है. फरवरी के तीसरे सप्ताह की शुरुआत कुंभ संक्रांति (Kumbh Sankranti) और प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) से हुई है. सप्ताह में आगे माघ पूर्णिमा (Magh Purnima), संत रविदास जयंती, संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi), छत्रपति शिवाजी जयंती (Shivaji Jayanti) और  फाल्गुन मास का आरंभ होगा.

वहीं, आज वैलेंटाइन डे (Happy Valentines Day) है, यानि प्रेम का दिवस. हालांकि प्यार को मानने के लिए किसी खास दिन की जरूरत नहीं होती, लेकिन अगर एक दिन अपने प्यार के नाम किया जाए तो कोई बुराई नहीं है. आइए जानते हैं कि ये व्रत एवं त्योहार कब हैं, ताकि आप पहले से ही इन व्रतों के लिए अपनी तैयारी कर लें.

फरवरी के तीसरे सप्ताह के व्रत-त्योहार | February 2022 Vrat List

  • 14 फरवरी- सोमवार- प्रदोष व्रत/ वैलेंटाइन डे.
  • 16 फरवरी- बुधवार- माघ पूर्णिमा/संत रविदास जयंती.
  • 17 फरवरी- गुरुवार- फाल्गुन माह प्रारंभ.
  • 19 फरवरी- शनिवार- छत्रपति शिवाजी जयंती.
  • 20 फरवरी- रविवार- द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी.

प्रदोष व्रत

माघ माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत आज 14 फरवरी दिन सोमवार को है. आज के दिन भगवान शिव शंकर की प्रदोष मुहूर्त में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जा रही है. पंचांग के अनुसार, हर माह के शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ते हैं. एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में. साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं. ये प्रदोष व्रत भगवान शिव शंकर को समर्पित होते हैं.

वैलेंटाइन डे

कहते हैं प्यार करने के लिए किसी दिन महीने और हफ्ते की जरूरत नहीं होती है, लेकिन प्यार का इजहार करना हर किसी के लिए आसान नहीं होता, ऐसे में इस तरह के लोगों की मदद करता है प्यार का हफ्ता यानी की वैलेंटाइन वीक. फरवरी के महीने को प्यार का महीना (Month of love) कहा जाता है. 7 फरवरी से 14 फरवरी तक चलने वाले इस प्यार के त्योहार को प्यार के पंछी खूब मन से मनाते हैं.

माघ पूर्णिमा

सनातन परंपरा में पूर्णिमा तिथि का अपार महत्व है. इससे भी अधिक माघ मास की पूर्णिमा व्रत-दान और संकल्प के लिए सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है. बता दें कि जैसे शरद पूर्णिमा लक्ष्मी प्राप्ति का विशेष दिन माना जाता है, उसी तरह माघ मास की पूर्णिमा श्री हरि विष्णु की आराधना के लिए खास दिन होता है. माघ पूर्णिमा पर माघ स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. इस तिथि पर स्नान, दान और जप को बहुत पुण्य फलदायी बताया गया है. पूर्णिमा तिथि को सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करना पुण्यकारी होता है.

संत रविदास जयंती

माघ माह में पूर्णिमा तिथि को संत रविदास जयंती मनाई जाती है. इस प्रकार, 16 फरवरी को संत रविदास जयंती है. संत रविदास की जन्म तिथि को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं. कई इतिहासकारों का कहना है कि संत रविदास का जन्म सन 1398 ईं में हुआ है. वहीं, कुछ जानकारों का कहना है कि उनका जन्म सन 1482 में हुआ है.

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फाल्गुन माह प्रारंभ

फाल्गुन मास हिन्दू वर्ष का अंतिम माह कहलाता है. इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इस महीने का नाम फाल्गुन है. इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना भी कहा जाता है. फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि और रंगों कर त्योहार होली भी आता है. इस वर्ष फाल्गुन का यह महीना 17 फरवरी से प्रारंभ हो रहा है, जो कि 18 मार्च तक रहेगा. फाल्गुन के बाद से नए हिन्दू वर्ष का प्रारंभ चैत्र माह से होता है.

छत्रपति शिवाजी जयंती

साल 2022 में छत्रपति शिवाजी जयंती 19 फरवरी दिन शनिवार को है. छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिनवेरी में एक मराठा परिवार में हुआ था. उन्होंने अपनी वीरता और बुद्धिमता से मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी.

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द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी

फरवरी की संकष्टी चतुर्थी 20 फरवरी दिन रविवार ​को है. यह फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं. इस दिन भगवान गौरी गणेश और चंद्रमा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है व व्रत रखा जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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