सनातन धर्म में फाल्गुन मास का विशेष महत्व है. बता दें कि हिंदू पंचांग का आखिरी महीना फाल्गुन कहलाता है. हिन्दू पंचाग का आखिरी माह यानी कि फाल्गुन मास 17 फरवरी 2022 से शुरू होगा है, जो 18 मार्च तक रहेगा. इस माह में कई सारे त्योहार मनाएं जाते हैं, यही वजह है कि इस महीने को आनंद और उल्लास का माह कहा जाता है. इस माह जो पूर्णिमा आती है, उसे फाल्गुनी नक्षत्र कहा जाता है, जिसे काफी खास माना जाता है. इसे बसंत (वसंत) ऋतु का महीना भी कहा जाता है. कहते हैं कि इस माह के शुरू होते ही सर्दी कम होने लगती है और हल्की-हल्की गर्मी शुरू हो जाती है.
फाल्गुन मास में भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष विधान है. इस माह भगवान श्री कृष्ण के तीनों रूप बाल, युवा और गुरु कृष्ण की उपासना की जाती है. फाल्गुन कृष्ण पक्ष एकादशी को विजया एकादशी नाम से जाना जाता है. फाल्गुन द्वादशी को यदि श्रवण नक्षत्र युक्त हो तो, इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु का विधि-विधान से पूजन और व्रत करने का विधान है. इस माह में कृष्ण पक्ष अष्टमी को माता सीता की जयंती के रूप मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन माह में ही चंद्रदेव का जन्म हुआ था, इसलिए इस माह चंद्र देव की भी आराधना की जाती है. इस मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव की शंकर की आराधना का महापर्व महाशिवरात्रि बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है.
फाल्गुन माह में इन देवी-देवताओं की होती है आराधना
- फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है.
- फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष अष्टमी को माता सीता की जयंती के रूप मनाया जाता है. इस माह मां सीता की आराधना की जाती है.
- फाल्गुन मास में भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष विधान है. इस माह भगवान श्री कृष्ण के तीनों रूप बाल, युवा और गुरु कृष्ण की उपासना की जाती है.
- फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव शंकर की अराधना की जाती है, यह दिन महाशिवरात्रि कहलाता है.
- कहते हैं कि फाल्गुन माह में ही चंद्रदेव का जन्म हुआ था, इसलिए इस माह चंद्र देव की भी आराधना की जाती है.
- दक्षिण भारत में उत्तिर नामक मंदिरोत्सव का पर्व भी मनाया जाता है.
फाल्गुन माह विशेष रूप से की जाती है श्री कृष्ण की पूजा
फाल्गुन मास में भगवान श्री कृष्ण की पूजा-आरधना की जाती है. मान्यता है कि फाल्गुन मास में श्री कृष्ण के तीनों रूप बाल, युवा और गुरु कृष्ण की उपासना की जाती है. कहते हैं कि इस माह संतान के लिए बाल कृष्ण की, प्रेम के लिए युवा कृष्ण की और ज्ञान और वैराग्य के लिए गुरु कृष्ण की पूजा-आराधना की जाती है.
फाल्गुन माह के व्रत व त्योहार
- गणेश चतुर्थी व्रत- 19 फरवरी.
- कालाष्टमी व्रत- 23 फरवरी.
- सीता आष्टमी व्रत- 24 फरवरी.
- विजय एकादशी- 26 फरवरी.
- प्रदोष व्रत 28 फरवरी.
- महाशिवरात्रि- 01 मार्च.
- अमावस्या- 02 मार्च.
- फुलेरा दूज 04 मार्च.
- गणेश चतुर्थी व्रत- 06 मार्च.
- कामदा सप्तमी व्रत- 09 मार्च.
- होलाष्टक आरंभ 10 मार्च.
- आमलकी एकादशी- 14 मार्च.
- भौम प्रदोष व्रत- 15 मार्च.
- होलिका दहन-17 मार्च.
- होली- 18 मार्च को बनाई जाएगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)