Happy Eid al-Adha 2022: बकरीद (Bakrid) इस्लाम धर्म में विश्वास रखने वालों के लिए खास त्योहार होता है. इसे बकरा ईद, बकरीद, ईद-अल-अजहा (Eid al-Adha) भी कहा जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक बकरा ईद (Bakra Eid) का पर्व आखिरी माह जु-अल-हज्जा की 10वीं तारीख को मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 10 जुलाई, रविवार को मनाया जाएगा. ईद-अल-अजहा (Eid al-Adha) ईद-उल-फितर के बाद सबसे बड़ा त्योहार है. यह पर्व कुर्बानी के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है.
बकरीद का इतिहास | History of Bakrid
इस्लाम धर्म की मान्यताओं के मताबिक, हजरत ईब्राहिम खुदा के नेक इंसान थे. उनका खुदा में पूर्ण विश्वास था. कहा जाता है कि अल्लाह ने एक बार पैगंबर इब्राहिम से कहा कि वह अपने प्यार और विश्वास को साबित करने के लिए सबसे प्यारी चीज का त्याग करें. इसके लिए उन्होंने अपने पुत्र की कुर्बानी देने का फैसला किया. कहते हैं कि जैसे ही पैगंबर इब्राहिम अपने पुत्र की कुर्बानी देने के लिए तैयार हुए, उसी वक्त अल्लाह ने एक दूत को भेजकर बेटे को एक बकरे में बदल दिया. तभी से बकरीद का पर्व पैगंबर ईब्राहिम के विश्वास को याद करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है. बकरे की कुर्बानी को तीन हिस्सों में बांटा जाता है जिसका पहला हिस्सा रिश्तेदारों को दिया जाता है. वहीं, दूसरा हिस्सा गरीबों को और तीसरा हिस्सा परिवार के लिए होता है.
कब है बकरीद | Eid al-Adha 2022 Date
इस्लाम धर्म में हिजरी संवत चंद्र कैलेंडर पर आधारित है. यही वजह है कि बकरीद पर्व का ऐलान भी चांद के हिसाब से किया जाता है. इस साल बकरीद का पर्व 10 जुलाई, 2022 को मनाया जाएगा. हालांकि बकरा ईद की तिथि चांद के हिसाब से 11 जुलाई को भी हो सकती है.
इन शायरी के जरिए अपनों को कहें बकरीद मुबारक | Happy Eid al-Adha 2022 Shayari
दिल जलते और जगमगाते रहें
हम आपको इसी तरह याद करते रहें
जब तक जिंदगी है ये दुआ है हमारी
आप ईद के चांद की तरह जगमगाते रहें..
तमन्ना आपकी सब पूरी हो जाए
हो आपका मुकद्दर इतना रोशन कि
आमीन कहने से पहले आपकी दुआ कबूल हो जाए
ईद लेकर आती है ढेर सारी खुशियां
ईद मिटा देती है इंसान की दूरियां
ईद है खुदा का एक नायाब तबारक
इसलिए कहते हैं ईद मुबारक..
सदा हंसते रहो जैसे हंसते हैं फूल
दुनिया के सारे गम तुम जाओ भूल
चारों तरफ फैलाओं खुशियों के गीत
इसी उम्मीद के साथ तुम्हें मुबारक हो बकरीद
अल्लाह की रहमत सदा आपके परिवार पर बरसे
हर गम आपके परिवार से दूर रहे
मुबारक नाम है अल्लाह का
मुबारक हो बकरीद तुम्हें
जिसे तुम देखना चाहो उसी की दीदार हो तुम्हें..
सोचा किसी अपने से बात करूं
अपने किसी खास को याद करूं
किया जो फैलसा बरकीद मुबारक कहने को
दिल ने कहा.. क्यूं ना सबसे पहले आपसे शुरुआत करूं..
हर ख्वाहिश हो मंजूर-ए-खुदा
मिले हर कदम पर राजा-ए-खुदा
फनाह हो लब्ज-ए-गम यही है दुआ
बरसती रहे सदा रहमत-ए-खुदा..
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)