Diwali 2024 Date: दिवाली लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त को लेकर है दुविधा, तो जानें किस समय और दिन करें पूजा

दो तिथि पर अमावस्या पड़ने के कारण दिवाली की डेट को लेकर अधिकतर लोगों को कंफ्यूजन है, लेकिन लक्ष्मी पूजा कब की जाएगी आइए हम आपको बताएं.

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लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त (Diwali shubh muhurat) कौन सा सही रहेगा.

Diwali 2024 Date: आजकल हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्यादातर तिथि दो दिन पड़ती है, ऐसे में उदिया तिथि के अनुसार हम उस त्योहार या व्रत को मानते हैं. ठीक इसी तरह से दिवाली (Deepawali Date) की तिथि भी दो दिन पड़ रही है यानी कि अमावस्या 30 अक्टूबर से शुरू होकर 1 नवंबर तक रहेगी. ऐसे में कई लोगों को कंफ्यूजन है कि दीपावली पर लक्ष्मी पूजा (Lakshmi puja) किस समय और किस दिन की जाए, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इसका सटीक जवाब कि लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त (Diwali shubh muhurat) कौन सा सही रहेगा.

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लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 को शाम 3:53 से शुरू होगी जो कि 1 नवंबर 2024 शाम 6:17 तक रहेगी. ज्योतिषों का मानना है कि 31 अक्टूबर 2024 को अमावस्या की तिथि होते हुए भी लक्ष्मी पूजन नहीं किया जाएगा, क्योंकि इसे लेकर शास्त्रों में कुछ प्रमाण भी दिए गए हैं. वहीं, 1 नवंबर को महालक्ष्मी पूजन के लिए बहुत कम समय ही है, क्योंकि शाम को जल्दी अमावस्या की तिथि समाप्त हो जाएगी.

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दिवाली की तिथि को लेकर क्या कहते हैं शास्त्र
1. अथाश्विनामावस्यायां प्रातरभ्यंगः प्रदोषे दीपदानलक्ष्मी-परजनादि विहितम्। तत्र सूर्योंदयं व्याप्ति-अस्तोत्तरं घटिकाधिकरात्रिव्यापिनी दर्शे सति न संदेहः।  
इसके अनुसार, कार्तिक अमावस्या को प्रदोष का समय लक्ष्मी पूजन के लिए कहा गया है. यदि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक 24 मिनट से अधिक प्रदोष काल अमावस्या हो, तो कुछ संदेह हो सकता है.

2. परदिने एव दिनद्वयेपि वा प्रदोषव्याप्तौ परा। पूर्वत्रैव प्रदोषव्याप्तौ लक्ष्षीपूजनादौ पूर्वां।
इसके अनुसार, अगले दिन ही या दोनों दिन प्रदोषव्यापिनी अर्थात अमावस्या हो, तो अगली अमावस्या लेनी चाहिए.

3. इयं प्रदोषव्यापिनी ग्राह्या। दिनद्धये सत्त्वासत्त्वे परा।
तिथिनिर्णय पुरुषार्थ चिन्तामणि में लिखे इस तथ्य के अनुसार, यदि दोनों दिन अमावस्या प्रदोष का स्पर्श न करते हुए हो, तो दूसरे दिन लक्ष्मी पूजा करना चाहिए.

4. व्याप्तिरिति पक्षे परत्र यामत्रयाधिकव्यापिदर्शे दर्श्पेक्षया प्रतिपद्वृदधिसत्वे लक्ष्मीपूजादिकमपि परत्रैवेत्युक्तम्। एतन्मते उभयत्र प्रदोषाव्याप्ति-पक्षेपि परत्र 'दर्शस्य सार्धयामत्रयाधिक-व्याप्ति-त्वात्परैव युक्तति भाति।
इसके अनुसार, अमावस्या केवल पहले दिन ही प्रदोषव्याप्त हो और यदि अगले दिन अमावस्या तीन पहर से ज्यादा हो, तो लक्ष्मी पूजा अगले दिन ही की जाएगी.

कब की जाए लक्ष्मी पूजा
शास्त्रों में लिखे तथ्यों के अनुसार, महालक्ष्मी पूजा 1 नवंबर 2024 शुक्रवार को शाम को सूर्यास्त से आधा घंटा पहले और सूर्यास्त के 2 घंटे 24 मिनट के बीच अर्थात शाम को 5:03 से लेकर 7:57 के बीच की जा सकती है. अगर आप बिल्कुल पवित्र समय में पूजा करना चाहते हैं, तो 5:33 से लेकर 6:17 के बीच पूजा कर सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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