Diwali 2021: हम दीवाली का त्यौहार क्यूं मनाते हैं? जानिए, इससे जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें

Diwali 2021: दीवाली (Diwali 2021) हिन्‍दुओं के सबसे प्रमुख और बड़े त्‍योहारों में से एक है. यह खुशहाली, समृद्धि, शांति और सकारात्‍मक ऊर्जा का द्योतक है. रोशनी का यह त्‍योहार बताता है कि चाहे कुछ भी हो जाए असत्‍य पर सत्‍य की जीत अवश्‍य होती है.

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Diwali 2021: हम दीवाली का त्यौहार क्यूं मनाते हैं? जानिए, इससे जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें

Diwali 2021: दीवाली (Diwali 2021) हिन्‍दुओं के सबसे प्रमुख और बड़े त्‍योहारों में से एक है. यह खुशहाली, समृद्धि, शांति और सकारात्‍मक ऊर्जा का द्योतक है. रोशनी का यह त्‍योहार बताता है कि चाहे कुछ भी हो जाए असत्‍य पर सत्‍य की जीत अवश्‍य होती है. मान्यता है कि रावण की लंका का दहन कर 14 वर्ष का वनवास काटकर भगवान राम अपने घर लौटे थे. इसी खुशी में पूरी प्रजा ने नगर में अपने राम का स्वागत घी के दीपक जलाकर किया. राम के भक्तों ने पूरी अयोध्या को दीयों की रोशनी से भर दिया था. लेकिन, दीवाली से जुड़ी सिर्फ यही एक मान्यता नहीं बल्कि कई और मान्यताएं भी हैं. जिनके बारे में कम ही लोग जानते होंगे. ज्यादातर लोग यही जानते हैं कि भगवान राम के वनवास से लौटने की खुशी में हम ये त्योहार मनाते हैं. ये तथ्य बिल्कुल सच है, लेकिन अधूरा है. अगर ऐसा ही है तो फिर हम सब दीपावली पर भगवान राम की पूजा क्यों नहीं करते?  लक्ष्मी जी और गणेश भगवान की क्यों करते हैं? आइए आपको बताते हैं कि दीवाली से जुड़ी वे कौन सी मान्यताएं हैं, जिनके बारे में कम ही लोगों को पता है...

1. देवी लक्ष्मी जी का प्राकट्य:

देवी लक्ष्मी जी कार्तिक मॉस की अमावस्या के दिन समुन्दर मंथन में से अवतार लेकर प्रकट हुई थीं.

2. भगवन विष्णु द्वारा लक्ष्मी जी को बचाना:

भगवन विष्णु ने इसी दिन अपने पांचवे अवतार वामन अवतार में देवी लक्ष्मी को राजा बालि से मुक्त करवाया था.

3. नरकासुर वध कृष्ण द्वारा:

इस दिन भगवन कृष्ण ने राक्षसों के राजा नरकासुर का वध कर उसके चंगुल से 16000 औरतों को मुक्त करवाया था. इसी ख़ुशी में दीपावली का त्यौहार दो दिन तक मनाया गया. इसे विजय पर्व के नाम से भी जाना जाता है.

4. पांडवो की वापसी:

महाभारत में लिखे अनुसार कार्तिक अमावस्या को पांडव अपना 12 साल का वनवास काट कर वापिस आये थे जो की उन्हें चौसर में कौरवों द्वारा हराये जाने के परिणाम स्वरूप मिला था. इस प्रकार उनके लौटने की खुशी में दीपावली मनाई गई.

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5. राम जी की विजय पर

रामायण के अनुसार ये चंद्रमा के कार्तिक मास की अमावस्या के नए दिन की शुरुआत थी जब भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण जी अयोध्या वापिस लौटे थे. रावण और उसकी लंका का दहन करके. अयोध्या के नागरिकों ने पूरे राज्य को इस प्रकार दीपमाला से प्रकाशित किया था, जैसा आजतक कभी भी नहीं हुआ था.

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6. विक्रमादित्य का राजतिलक:

इसी दिन भारत के महान राजा विक्रमदित्य का राज्याभिषेक हुआ था. इसी कारण दीपावली अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना भी है.

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7. आर्य समाज के लिए प्रमुख दिन:

इसी दिन कार्तिक अमावस्या को एक महान व्यक्ति स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने हिंदुत्व का अस्तित्व बनाये रखने के लिए आर्य समाज की स्थापना की थी.

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8. जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण दिन:

महावीर तीर्थंकंर जी ने कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही मोक्ष प्राप्त किया था.

9. सिक्खों के लिए महत्त्व

तीसरे सिक्ख गुरु अमरदास जी ने लाल पत्र दिवस के रूप में मनाया था. जिसमें सभी श्रद्धालु गुरु से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे और 1577 में अमृतसर में हरिमंदिर साहिब का शिलान्यास किया गया था.

1619 में सिक्ख गुरु हरगोबिन्द जी को ग्वालियर के किले में 52 राजाओ के साथ मुक्त किया गया था जिन्हें मुगल बादशाह जहांगीर ने नजरबन्द किया हुआ था. इसे सिक्ख समाज बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी जानते हैं.

10. द पोप का दीपावली पर भाषण:

1999 में पॉप जॉन पॉल 2 ने भारत में एक खास भाषण दिया था जिसमे चर्च को दीपावली के दीयों से सजाया गया था. पॉप के माथे पर तिलक लगाया गया था और उन्होंने दीपावली के संदर्भ में रोंगटे खड़े कर देने वाली बातें बताई.

भगवान् गणेश सभी देवो में प्रथम पूजनीय हैं इसी कारण उनकी देवी लक्ष्मी जी के साथ दीपावली पर पूजा होती है और बाकी सभी कारणों के लिए हम दीपमाला लगाकर दीपावली का त्यौहार मनाते हैं.

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