Dhanteras 2022: धनतेरस पर क्यों जलाते हैं यम के नाम का दीया, जानें इसके पीछे की खास वजह

Dhanteras 2022: पौराणिक काल से धनतेरस के दिन यम के निमित्त एक दीया जलाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन यम के नाम का दीया जलाने से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
Dhanteras Yama Diya: धनतेरस के दिन यम-दीप जलाने के पीछे ये वजह खास है.

Dhanteras 2022 Yama Diya: हिंदू धर्म में धनतेरस पर्व का विशेष महत्व है. हर साल कार्तिक मास कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस (Dhanteras 2022 Date) मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल धनतेरस 23 अक्टूबर को पड़ रहा है. इस दिन छोटी दिवाली भी मनाई जाता है. इसके साथ ही इस दिन कुबेर (Kuber) देवता की पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस दिन यमराज के नाम का दीया (Dhanteras Yama Diya) जलाना अनिवार्य होता है. धनतेरस पर नए आभूषण, सोना-चांदी और बर्तनों की खरीदारी करने का विशेष विधान है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, धनतेरस ही एक ऐसा अवसर होता है जब कुबेर देव के साथ-साथ यम के निमित्त दीपक जलाया जाता है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर धनतेरस (Dhanteras Kab hai) पर यम के नाम का दीया क्यों जलाते हैं और इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं क्या हैं.

यम दीया से जुड़ी पौराणिक कथा | Yama Diya Story on Dhanteras 2022

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार यमराज ने अपने दूतों से पूछा कि क्या उन्हें दूसरों के प्राण लेते वक्त दया नहीं आती है. जिसके जबाव में यमदूत ने एक स्वर में कहा नहीं महाराज! फिर यमराज ने उन्हें अभयदान देते हुए कहा कि सच बताओं. तब यमदूतों ने कहा कि उनका हृदय किसी के प्राण लेते वक्त वाकई भयभीत हो गया था. इस क्रम में दूतों ने यमराज से कहा कि एक बार हंस नाम का राजा शिकार के लिए दूसरे राज्य में चला गया. उस राज्य के राजा हेमा ने उस राजा का बहुत सत्कार किया. उसी दिन राजा की पत्नी हेमा ने एक पुत्र को जन्म दिया. ज्योतिषियों ने नक्षत्र गणना के आधार पर बताया कि उस बालक अपने विवाह के चार दिन बाद मर जाएगा. जिस सुनकर राजा ने उस बालक को यमुना के किनारे एक गुफा में ब्रह्मचारी के रूप में छोड़ आया और अपने लोगों से कहा कि उस पर नजर रखे ताकि उस पर किसी स्त्री की छाया ना पड़े.

Dhanteras 2022: धनतेरस पर कर लें ये आसान काम, मां लक्ष्मी का हमेशा मिलेगा आशीर्वाद!

कुछ समय बीतने के बाद एक दिन एक युवती ने यमुना के तट पर जाकर उस ब्रह्मचारी बालक से गंधर्व विवाह कर लिया. विवाह के चौथे दिन बाद उस राजकुमार की मृत्यु हो गई. जिसके बाद उन दूतों ने कहा महाराज हमने ऐसी जोड़ी नहीं देखी और उस महिला का विलाप देखकर हमारा दिल भर आया. 

Advertisement

इस घटना के बाद यमराज ने कहा कि धनतेरस की पूजा विधिपूर्वक करने और इस दिन दीपदान करने से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है. जिस घर में धनतेरस के दिन यम के नाम का एक दीया जलाया जाता है, वहां अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता है. मान्यता है कि इसके बाद से धनतेरस के दिन दीपदान की परंपरा चली आ रही है.  

Advertisement

धनतेरस पर दक्षिण दिशा का रखा जाता है ध्यान

धनतेरस के दिन यम के नाम से दीपदान किया जाता है. इस दिन आटे का दीया बनाकर घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर रखा जाता है. इस दौरान दीपक जलाते समय 'मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह. त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्'. इस मंत्र का जाप किया जाता है.

Advertisement

Dhanteras 2022: धनतेरस पर इन चीजों को घर लाने से बढ़ती है सुख-समृद्धि, यहां जानें पूरी लिस्ट

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

दशहरे को लेकर तैयार है मैसूर का अम्बा विलास महल, एक लाख बल्वों से जगमगा रहा है राजमहल​

Topics mentioned in this article