मोतिहारी में रूद्राक्ष से बने शिवलिंग के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

सावन के महीने से पहले ही बिहार के लोगों को एक अनूठा उपहार मिला है. पिछले दिनों मोतिहारी में 5 लाख रूद्राक्ष से बने एक विशालकाय शिवलिंग की स्थापना की गई है. इस शिवलिंग की ऊंचाई 20 फीट है और इसे 5 लाख पंचमुखी रूद्राक्ष की मदद से बनाई गई है.

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मोतिहारी में 5 लाख रूद्राक्ष से बनाया गया एक विशालकाय शिवलिंग.
मोतिहारी:

सावन के महीने से पहले ही बिहार के लोगों को एक अनूठा उपहार मिला है. पिछले दिनों मोतिहारी में 5 लाख रूद्राक्ष से बने एक विशालकाय शिवलिंग की स्थापना की गई है. इस शिवलिंग की ऊंचाई 20 फीट है और इसे 5 लाख पंचमुखी रूद्राक्ष की मदद से बनाई गई है. रूद्राक्ष के बने इस शिवलिंग पर सोने की परत भी चढ़ाई गई है. इस शिवलिंग को देखने और पूजा करने हजारों लोग रोज आ रहे हैं.

इस शिवलिंग को राधाकृष्ण सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ शंभूनाथ सिकरिया ने स्थापित करवाया है. फोन पर बात करते हुए डॉ. शंभूनाथ ने कहा,” इस मंदिर को बनाने का आदेश भगवान ने स्वयं दिया. सपने में महादेव ने आकर मुझे कहा कि वट वृक्ष के नीचे मेरा एक मंदिर बनाओ. फिर सपने में जैसा मंदिर दिखा वैसा ही मैंने बनवाया.”

हरिद्वार से पांच लाख रूद्राक्ष मंगवाया गया ताकि इस शिवलिंग का निर्माण किया जा सके. रूद्राक्ष शिवलिंग की महत्ता बताते हुए डॉ. शंभूनाथ कहते हैं,”लोग सामान्यतः लखराव (चार धाम यात्रा) पूजा में मिट्टी के बने सवा लाख शिवलिंग की स्थापना करते हैं और फिर जलाभिषेक कर लोग मनोकामना रखते हैं. लेकिन, यहां इस शिवलिंग पर एक बार जलाभिषेक करने से चार बार लखराव यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है.”

गौरतलब है कि गुजरात में भी एक 51 फीट लम्बा रूद्राक्ष का शिवलिंग है जबकि मोतिहारी के इस रूद्राक्ष शिवलिंग की उंचाई 20 फीट है . यह बिहार का सबसे ऊंचा रूद्राक्ष का शिवलिंग है. शिवलिंग के उपर महादेव की मुखाकृति भी बनाई गई है. डॉ. शंभूनाथ ने बताया कि इसकी स्थापना देश-विदेश में शांति स्थापित करने एवं जग के कल्याण के लिए की गई है. उन्होंने कहा,” इस शिवलिंग का सर्वप्रथम रुद्राभिषेक सुमेरू पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने किया और उनके साथ सैकड़ों लोगों ने भगवान शंकर को जल चढ़ाया.”

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