Christmas 2020: ईसा मसीह ने दिया था सत्‍य, करुणा और प्‍यार का संदेश, जानिए उनके जीवन से जुड़ी 5 बातें

Christmas 2020: क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. ईसाई समुदाय के लोग इसे ईसा मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं.

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Christmas 2020: ईसा मसीह ने दिया था सत्‍य, करुणा और प्‍यार का संदेश, जानिए उनके जीवन से जुड़ी 5 बातें

Christmas 2020: क्रिसमस (Christmas 2020) हर साल 25 दिसंबर (December 25) को मनाया जाता है. ईसाई समुदाय के लोग इसे ईसा मसीह (Isa Masih) के जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं. क्रिसमस (Christmas Day) के मौके पर लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं, और गिरजाघरों (चर्च - ईसाई पूजाघर) को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है. लोग अपने घरों के आंगन में क्रिसमस ट्री बनाकर उसे रंग-बिरंगे खिलौनों से सजाते हैं. गिरजाघरों में यीशु के जन्म से संबंधित झांकियां तैयार की जाती हैं. 24 दिसंबर की आधी रात (ठीक 12 बजे) यीशु का जन्म होना माना जाता है, इसलिए गिरजाघरों में ऐन वक्त पर विशेष प्रार्थना की जाती है, कैरोल (Carol) गाए जाते हैं और अगले दिन धूमधाम से त्योहार मनाया जाता है. ईसाई लोग ईसा मसीह को परमपिता परमेश्वर का पुत्र (Son of God) मानते हैं. ईसा मसीह को यीशु (Jesus Christ) के नाम से भी पुकारा जाता है. ईसाई धर्म के लोगों का मानना है कि जीसस दुनिया में लोगों को सही रास्ता दिखाने आए थे. आज हम आपको ईसा मसीह से जुड़ी 5 बातें बता रहे हैं.

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ईसा मसीह (Isa Masih) से जुड़ी 5

1. ईसाई मान्यताओं के अनुसार आज से हजारों साल पहले नाजरेथ में गेब्रियल नामक एक स्वर्गदूत ने मरियम को दर्शन दिया और कहा कि तू पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती होगी और एक पुत्र देगी जिसका नाम यीशु रखा जाएगा. बेतलहम में मरियम ने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसका नाम यीशु रखा.

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2. ईसाई धर्म के अनुसार ईसा मसीह (Isa Masih) परमेश्वर के पुत्र थे. उन्‍हें मृत्‍यु दंड इसलिए दिया गया था क्‍योंकि वो अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए लोगों को शिक्षित और जागरुक कर रहे थे. उस वक्‍त यहूदियों के कट्टरपंथी रब्‍बियों यानी कि धर्मगुरुओं ने यीशु का पुरजोर विरोध किया. कट्टरपंथियों ने उस समय के रोमन गवर्नर पिलातुस से यीशु की शिकायत कर दी. रोमन हमेशा इस बात से डरते थे कि कहीं यहूदी क्रांति न कर दें. ऐसे में कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए पिलातुस ने यीशु को क्रॉस पर लटकाकर जान से मारने का आदेश दे दिया.

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3. मौत से पहले यीशु को ढेरों यातनाएं दी गईं. उनके सिर पर कांटों का ताज रखा गया. इसके बाद यीशु को गोल गोथा नाम की जगह ले जाकर सलीब पर चढ़ा दिया गया.

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4. प्राण त्‍यागने से पहले यीशु ने कहा था, 'हे ईश्‍वर! मैं अपनी आत्‍मा को तेरे हाथों में सौंपत हूं.'

5. ईसा मसीह कहते हैं कि कभी किसी को नुकसान ना पहुंचाएं. जो लोग दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं, उन्हें नरक में सजा दी जाएगी.

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