Surya and Chandra Grahan 2024: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का भी बड़ा महत्व है. सूर्य या चंद्र ग्रहण लगता है तो उसे एक खगोलीय घटनाओं में गिना जाता है. गौरतलब है कि मौजूदा साल के मार्च महीने में पहले चंद्र ग्रहण और अप्रैल में सूर्य ग्रहण (Surya and Chandra Grahan) ने दस्तक दी थी. अब मौजूदा महीने सितंबर में दूसरा चंद्र ग्रहण और अगले महीने अक्टूबर में दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. आपको बता दें, सितंबर और अक्टूबर में लगने वाले क्रमश चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देंगे. ऐसे में साल 2025 में कब और कितने सूर्य और चंद्र ग्रहण लेगेंगे? साल 2025-2026 में लगने वाले सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण क्या भारत में दिखाई देंगे? क्या सूतककाल होगा ? आइए जानते हैं.
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साल 2025 में किस-किस दिन लगेंगे सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण? (Surya and Chandra Grahan 2025-26)
14 मार्च 2025 में पहला पूर्ण चंद्रग्रहण लगेगा, जो कनाडा, अमेरिका, और दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में देखा जाएगा.
29 मार्च के दिन साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा और यह आंशिक होगा. यह उत्तरी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, एशिया, दक्षिण अमेरिका, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर में दिखेगा.
21 सितंबर 2025 को भी आंशिक सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, जो अटलांटिक महासागर, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर में दिखेगा.
17 फरवरी 2026 में वलयाकार सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, जो अंटार्टिका के अलावा अफ्रीका, प्रशांत महासागर, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर में दिखेगा.
12 अगस्त 2026 को लगने वाला सूर्य ग्रहण स्पेन, आइसलैंड, ग्रीनलैंड, पुर्तगाल और रूस में दिखेगा. वहीं, आंशिक सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, प्रंशात महासागर, आर्कटिक महासागर, यूरोप, अफ्रीफा और अटलांटिक महासागर में दिखेगा.
कब लगता है सूर्य और चंद्र ग्रहण?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, सूर्य की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती है, जिसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
चंद्र ग्रहण में पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच में फंस जाती है. इससे चांद धरती की परछाई से छिप जाता है और फिर चंद्र ग्रहण लगता है.
आपको बता दें, पूर्ण चंद्र ग्रहण के समय में पृथ्वी, सूर्य, चंद्रमा एक लाइन में दिखते हैं. इस दौरान धरती से चांद देखने पर वह काला नजर आता है. वहीं, चंद्र और सूर्य ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और यह ग्रहण के खत्म होने के बाद हटता है.