Champa Shashti 2022: चंपा षष्ठी का व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Champa Shashti 2022: चंपा षष्ठी का व्रत 2022 में 29 नवंबर यानी आज रखा जा रहा है.आइए जानते हैं चंपा षष्ठी व्रत का महत्व, पूजा मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.

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Champa Shashti 2022: इस साल चंपा षष्ठी का व्रत 29 नवंबर को रखा जाएगा.

Champa Shashti 2022, Shubh Muhurat Puja Vidhi and Vrat Katha: अगहन यानी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चंपा षष्ठी का व्रत रखा जाता है. इस साल चंपा षष्ठी का व्रत 29 नवंबर, मंगलवार को यानी आज रखा जा रहा है. इस व्रत से जुड़ कई पौराणिक मान्यताएं हैं. जिसके मुताबिक यह व्रत मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है. चंपा षष्ठी के दिन भगवान शिव के अवतार प्रभु खंडोबा की पूजा-अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं कि चंपा षष्ठी व्रत के लिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व क्या है. 

चंपा षष्ठी का व्रत कब रखा जाएगा | when is Champa Shashti 2022 

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल अगहन यानी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर रखा जाता है. इस साल मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 28 नवंबर को दोपहर यानी आज 1 बजकर 35 मिनट से शुरू हो रही है. षष्ठी तिथि का समापन 29 नवंबर को सुबह 11 बजकर 04 मिनट पर होगा. इस प्रकार उदया तिथि के मुताबिक चंपा षष्ठी का व्रत 29 नवंबर, मंगलवार को रखा जाएगा.

चंपा षष्ठी 2022 शुभ मुहूर्त और शुभ योग | Champa Shashti 2022 Shubh Muhurat and Yog

पंडितों के अनुसार, चंपा षष्ठी पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 29 नवंबर को सुबह 06 बजकर 45 मिनट से 08 बजकर 05 मिनट तक है. वहीं लाभ प्रोत्साहन समय दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 26 मिनट तक है. इसके अलावा अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 26 मिनट से दोपहर 02 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. ऐसे में इन शुभ मुहूर्तों के दौरान पूजन करना शुभ और मंगलकारी रहेगा.

ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के अनुसार, चंपा षष्ठी पर रवि और द्विपुष्कर योग का शुभ संयोग भी बन रहा है. इस दिन ध्रुव योग दोपहर 02 बजकर 53 मिनट तक है. वहीं रवि योग सुबह 06 बजकर 55 मिनट से 08 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. 30 नवंबर तक सुबह 11.04 मिनट से शाम 06.06 मिनट तक द्विपुष्कर योग रहेगा.

चंपा षष्ठी व्रत 2022 महत्व | Champa Shashti 2022 Vrat Importance

चंपा षष्ठी के दिन व्रत के दौरान भगवान शिव की पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस दिन शिवजी की पूजा करने से समस्त पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं. साथ ही इस व्रत के शुभ प्रभाव से घर-परिवार में सुख-शांति का माहौल कायम रहता है. इसके अलावा व्रत के शुभ प्रभाव से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत को लेकर धार्मिक मान्यता यह भी है कि इसे विधिवत रखने से हमारे पूर्व जन्म के पाप भी धुल जाते हैं. 

चंपा षष्ठी 2022 पूजा विधि | Champa Shashti 2022 Puja Vidhi

प्रात:काल स्नान आदि के बाद आपको चंपा षष्ठी के व्रत एवं भगवान शिव की पूजा का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद भगवान शिव के खंडोबा स्वरूप की पूजा विधिवत करें. आप चाहें तो इस दिन शिवलिंग का गंगाजल और गाय के दूध से अभिषेक करें. फिर बेलपत्र, भांग, मदार पुष्प, धतूरा, बैंगन, बाजरा, फल, सब्जियां, हल्दी आदि अर्पित करें. इसके बाद भगवान शिव की आरती करें. आप चाहें तो भगवान शिव के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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