Chaitra Purnima 2022: 16 अपैल को है चैत्र पूर्णिमा, मान्यतानुसार इस तरह की जाती है पूजा

Chaitra Purnima 2022: चैत्र माह के शुक्ल पत्र की पूर्णिमा कई मायने में विशेष है. इसी दिन महावीर बजरंग बली हनुमान जी की जयंती भी मनाई जाने वाली है.

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Chaitra Purnima: जानिए मान्यतानुसार किस तरह पुर्णिमा के दिन की जाती है पूजा-अर्चना.
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आने वाली 16 अप्रैल को चैत्र पुर्णिमा मनाई जाएगी.
हनुमान जयंती भी इसी दिन है.
संयुक्त रूप से की जा सकती है पुर्णिमा की पूजा.

Chaitra Purnima 2022: पूर्णिमा यानी माह का वह दिन जब चंद्रमा अपने पूरे विस्तार पर नजर आता है. वैसे तो हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एक-एक बार पूर्णिमा (Purnima) की तिथि आती है, लेकिन चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा कई मायने में विशेष है. इसी दिन महावीर हनुमान जी की जयंती भी मनाई जाती है. ये भी मान्यता है कि इस तिथि पर गोकुल में श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग रास उत्सव मनाया था. चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) के दिन पवित्र नदियों, कुंड, सरोवर में स्नान करना भी काफी अच्छा माना जाता है, कहते हैं इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. 

16 अप्रैल को है चैत्र शुक्ल पूर्णिमा

इस वर्ष यानी साल 2022 में चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Shukla Purnima)16 अप्रैल को पड़ रही है. तिथि का आरंभ शनिवार को तड़के 2.15 से होगा और इसकी समाप्ति अगले दिन यानी रविवार को सुबह 12.24  मिनट पर मानी जा रही है. पवित्र नदियों में स्नान और व्रत इत्यादि 16 अप्रैल को ही संपन्न हो सकेंगे. इस दिन सूर्योदय सुबह 5.55 पर होगा, जबकि सूर्यास्त 6.47 बजे होगा. कई लोग इस दिन चन्द्रमा को भी अर्घ्य देते हैं. चन्द्रमा का उदय शाम 6.27 पर कहा जा रहा है.  श्रद्धालु इस दिन माता लक्ष्मी पूजन और भगवान सत्यनारायण की कथा का भी आयोजन करते हैं.

कैसे करें हनुमान जी का पूजन

अगर हनुमान जयंती पर व्रत रख रहे हैं तो माना जाता है कि उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. मान्यतानुसार सुबह जल्दी जागकर हनुमान जी के साथ उनके आराध्य भगवान श्रीराम और माता सीता का भी स्मरण करना चाहिए. स्नान-ध्यान से निवृत होकर हनुमान जी (Hanuman Ji) का पूजन किया जाता है. हनुमान जी को लाल सिंदूर, केवड़ा, गुलाल, चंदन और चावल अर्पित करें. हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ करने से भी मान्यता है कि बजरंग बली प्रसन्न होते हैं. पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के भाव के साथ उनकी आरती कर प्रसाद ग्रहण किया जाता है. प्रसाद में चने, पेड़े या बूंदी के लड्डू जैसी कोई भी मिठाई रखी जा सकती है. वैसे हनुमान जी को कलयुग का जागृत देव कहा जाता है. माना जाता है कि उन्हें प्रसन्न करने से मनोकामना जल्द से जल्द पूर्ण होती है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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